भारत में हाई-टेक एमआईआर स्कैनर विकसित
नई दिल्ली, 7 जून (आईएएनएस)| भारत में हाई-टेक एमआईआर स्कैनर विकसित किया गया है। इससे एमआरआई सभी के लिए किफायती एवं सुलभ होने की उम्मीद जगी है।
टाटा ट्रस्ट्स फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड सोशल एंटरप्रेन्योरशिप (एफआईएसई) के इनक्यूबेटर के तौर पर वोक्सेलग्रिड्स के प्रतिभाशाली इंजीनियरों की टीम ने 24 महीनों में इसे विकसित करने में सफलता हासिल की है। टाटा ट्रस्ट्स फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड सोशल एंटरप्रेन्योरशिप (एफआईएसई) ने एक हाईटेक पोर्टेबल मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (एमआरआइ) स्कैनर विकसित किया है। फाउंडेशन ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
फाउंडेशन ने बताया कि इस समय बाजार में मौजूद अन्य स्कैनर्स की तुलना में 1.5 टेस्ला होल-बॉडी एमआरआइ स्कैनर तीन से 4 गुना ज्यादा तेजी से एमआरआइ स्कैन करेगा। यह स्कैनर कॉम्पैक्ट, वजन में हलका है और बहुत कम बिजली की खपत करता है। इस सिस्टम को ट्रक पर लगाकर देश के दूर-दराज के छोटे कस्बों में ले जाया जा सकता है, जिससे जिला स्तर और प्राइमरी हेल्थ सेंटर्स पर भी वास्तविक समय में मरीजों की एमआरआइ स्कैनिंग की जा सकेगी।
टाटा ट्रस्ट्स के चेयरमैन रतन एन. टाटा ने कहा, कोई भी आविष्कार करने और किसी भी कारोबार में सफल होने के लिए रचनात्मकता, कड़ी मेहनत और धीरज की जरूरत होती है। मैं बहुत खुश हूं कि हमारी एमआरआई प्रोजेक्ट टीम ने इस खूबी का प्रदर्शन किया है। नए प्रतिभाशाली आविष्कारकों को कारोबारी जोखिम लेने के लिए प्रोत्साहित करने और सकारात्मक सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव उत्पन्न के लिए एक सक्षम इको सिस्टम बनाने की जरूरत है।
जब एमआरआइ स्कैनर का विकास किया जा रहा था, तभी इस प्रोजेक्ट ने 2017 में प्रतिष्ठित इंडो-यूएस साइंस एंड टेक्नोलॉजी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) पुरस्कार जीत लिया था। बेंगलुरु स्थित श्री सत्य साईं इंस्टीट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज ने इस डेवलपमेंट के लिए क्लिनिकल पाटर्नर की भूमिका निभाई है। इस सिस्टम को सबसे पहली बार यहीं लगाया गया था।