IANS

चिदंबरम से आईएनएक्स मामले में 4 घंटे से अधिक पूछताछ

नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आईएनएक्स मीडिया घोटाले में पूर्व वित्तमंत्री पी.चिदंबरम से बुधवार को चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की।

सीबीआई की विशेष आर्थिक अपराध शाखा के एक दल द्वारा पूछताछ के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने दोहराया कि प्राथमिकी में उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं है।

सीबीआई के मुताबिक, चिदंबरम पूर्वाह्न करीब 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे।

चिदंबरम से अपराह्न् 1.30 बजे तक पूछताछ की गई। इसके बाद उन्हें दोपहर भोजन के लिए इजाजत दी गई। पूछताछ फिर 3.30 बजे शुरू हुई और यह शाम करीब 4.45 बजे तक चली।

सीबीआई मुख्यालय से जाने के बाद चिदंबरम ने ट्वीट किया, सीबीआई के समक्ष पेश हुआ। प्राथमिकी में मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं है।

उन्होंने कहा, सवाल और जवाब एफआईपीबी की फाइल के आधार पर हैं। इसलिए रिकॉर्ड में जोड़ने के लिए बहुत कम है।

एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, पूर्व मंत्री चिदंबरम से 2007 में हुए आईएएनएक्स मीडिया मामले में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) से मंजूरी दिलाने में उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की गई।

आईएनएक्स मीडिया कंपनी के प्रमोटर पूर्व मीडिया कारोबारी पीटर मुखर्जी व उनकी पत्नी इंद्राणी मुखर्जी थे।

सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि एजेंसी कांग्रेस नेता के बयान का विश्लेषण करेगी और यदि जरूरी हुआ तो फिर से जांच में शामिल होने को कहेगी।

कांग्रेस नेता को एजेंसी के अधिकारियों ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41(ए) के तहत बुलाया था।

सीबीआई ने चिदंबरम को एक जून को सम्मन जारी किया और अगले दिन पेश होने को कहा था, लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 31 मई को आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तारी से तीन जुलाई तक अंतरिम संरक्षण मिलने के बाद वह पूछताछ में शामिल नहीं हुए।

सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, एजेंसी ने चिदंबरम से स्पष्टीकरण के लिए सवालों की एक फेहरिश्त तैयार की है, जो चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम के खिलाफ 2017 में दर्ज धनशोधन के मामले से जुड़े हैं।

सीबीआई ने 15 मई, 2017 को चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति व अन्य पर आईएनएक्स मीडिया में 305 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश को मंजूरी देने में की गई कथित अनियमितता में संलिप्तता का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की थी।

सीबीआई ने कार्ति पर आईएनएक्स मीडिया को 2007 में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने में धन लेने के मामले में 28 फरवरी को गिरफ्तार किया था। साल 2007 में कार्ति के पिता तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्तमंत्री थे। बाद में कार्ति को जमानत मिल गई।

सीबीआई ने शुरुआत में आरोप लगाया कि कार्ति ने एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने के लिए 10 लाख रुपये रिश्वत ली थी।

हालांकि, यह आंकड़ा बाद में संशोधित किया गया जो 10 लाख डॉलर या मौजूदा विनिमय दर से 6.5 करोड़ रुपये होता है।

पूर्व मंत्री चिदंबरम से बीते मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय पांच घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी।

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