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उत्तराखंड को नेपाल और चीन की सीमा से जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण कार्य तेज़ी से शुरू

कई वर्षों से लंबित चल रहा था सड़कों का सड़कों का निर्माण कार्य

नेपाल और चीन की सीमा की कनेक्टिविटी और भी मजबूत होने वाली है, क्योंकि कई वर्षों से लंबित सड़कों के निर्माण कार्य तेज़ हो गया है।

बीते कई वर्षों से लंबित चल रहे सड़कों के निर्माण कार्यों को फिर से चालू किए जाने की बात कहते हुए मुख्य सचिव, उत्तराखंड उत्पल कुमार सिंह ने कार्यदायी संस्थाओं को टाइम फ्रेम तय करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सीमांत सड़कों के निर्माण के प्रगति की जानने के लिए सड़क निर्माण कार्यों की समीक्षा की है।

चीन की सीमा पर बनने वाली न्यू सोबला- तेदानग मार्ग निर्माण के लिए उपखनिज की अनुमति दे दी गई है। सोनम-पीडीए की अनुमति दे दी गई है। नीति गांव से नीति पास और सिमली-ग्वालदम मार्ग के लिए जल्द अनुमति मिल जाएगी। नेपाल सीमा पर 12 किलोमीटर टनकपुर-जौलजीवी मार्ग का निर्माण हो गया है। 17.875 किलोमीटर का निर्माण कार्य चल रहा है। 46.850 किलोमीटर एक लेन सड़क निर्माण हेतु 202 करोड़ की ड्राफ्ट डीपीआर भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है।

टनकपुर बैराज से महेंद्र नगर (नेपाल) में संयोजन किए जाने के लिए 1.3 किलोमीटर 1.5 लेन सीसी मार्ग का निर्माण के लिए वन भूमि का हस्तांतरण हो गया है। सात करोड़ रुपए की निविदा आमंत्रित किए हैं। चम्पावत के सिरसा नामक स्थान पर दो लेन 400 मीटर सेतु बनाने के लिए कार्यवाही चल रही है।

इसके अलावा पिथौरागढ़ के धारचूला के समीप छारचुम नामक स्थान पर 110 मीटर के दो लेन सेतु के निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। झूलाघाट में 500 मीटर पुल निर्माण के लिए डीपीआर कंसल्टेंसी हेतु निविदा जारी कर दी गई है।

बैठक में मुख्य सचिव को यह जानकारी दी गई कि महाकाली नदी संधि व्यवस्था के अनुसार दोनों देशों द्वारा संयुक्त निरीक्षण कर लिया गया है। विदेश मंत्रालय को जल्द रिपॉर्ट भेजी जाएगी। इसके अलावा नेपाल सीमा पर महाकाली नदी में नेपाल द्वारा बनाए जा रहे चार लेन सेतु को उत्तराखंड के राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिए 6.3 किलोमीटर मार्ग का निर्माण किया जाना है।

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