‘स्वर्णसाथी’ कैंसर व अन्य पुरानी बीमारियों में कारगर
मुंबई, 4 जून (आईएएनएस)| कैंसर और अन्य पुरानी बीमारियों के कारण खतरे में जीवन बिताने वाले तंबाकू और गुटका उपयोगकर्ताओं को बेनिफिशियल सपोर्ट मुहैया कराने के लिए बिग ब्रदर न्यूट्रा केयर ने सोमवार को भारत का पहला नोवेल न्यूट्रस्यूटिकल उत्पाद ‘स्वर्णसाथी’ लांच किया।
प्राकृतिक सक्रिय सामग्री से बना यह देश (और विश्व) का पहला ऐसा उत्पाद है, जिससे युवाओं और घनी जनसंख्या को तंबाकू की लत से लड़ने और साथ ही गुटका, तंबाकू की खपत और सिगरेट धूम्रपान के बुरे परिणामों को रोकने में मदद मिलेगी।
बिग ब्रदर न्यूट्रा केयर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ गिरीश कुमार जुनेजा ने कहा, भारतीय आबादी का 35 प्रतिशत तबका, जो तंबाकू उपभोक्ता हैं इसके उपयोग से बचने के लिए कम इच्छुक है। उनके लिए अब एक सुरक्षात्मक ढाल उपलब्ध है, यह उत्पाद तीन प्राकृतिक अवयवों का मिश्रण है, जो संभावित रूप से गुटके के उपयोगकर्ता को एक विकल्प द्वारा दूर कर सकता है। यह एक हेल्दी ऑप्शन होने के साथ प्लीजेंट फ्लेवर और टेस्ट प्रदान करता है।
उत्पाद के लांच पर बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार ने कहा, ऐसा माना जाता है कि तंबाकू का उपयोग भारत के सभी कैंसर के 40 प्रतिशत से जुड़ा हुआ है और धूम्रपान के बढ़ते प्रसार के परिणामस्वरूप फेफड़ों का कैंसर भारत में महामारी अनुपात तक पहुंच गया है। जहां एक अनुमानित 2,500 मौतें हर दिन तम्बाकू से संबंधित कैंसर (टीआरसी) से जुड़ी हो सकती हैं। पुरुषों में पांच में से एक और महिलाओं में 20 में से एक की मौत तंबाकू से हो सकती है।
उन्होंने कहा, हर साल मुंह के कैंसर के लगभग 77,000 नए मामले सामने आते हैं, और प्रत्येक वर्ष 52,000 लोगों की इसके कारण मौत हो जाती है। मैं स्वर्णसाथी को बढ़ावा देने के लिए बहुत खुश हूं, जिसका उद्देश्य तंबाकू से संबंधित घातकताओं के खिलाफ सभी भारतीयों को निवारक प्राकृतिक विकल्प प्रदान करना है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कैंसर विश्व स्तर पर मौत का दूसरा प्रमुख कारण है और यह 2015 में 88 लाख मौत के लिए जिम्मेदार था। वैश्विक स्तर पर छह में से एक की मौत का कारण कैंसर है। सभी कैंसर में से, तंबाकू से संबंधित कैंसर (टीआरसी) प्रमुख हिस्सेदारी के लिए जिम्मेदार है और लगभग 22 प्रतिशत कैंसर की मौतों के लिए जिम्मेदार है।
जहां तक भारत के क्षेत्र संबंधित हैं, महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल सहित उत्तर-पूर्वी राज्यों में टीआरसी अधिक हो रहा है, उसके बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ हैं।