दिल्ली के अस्पताल में इराकी बच्चे को मिला नया जीवन
नई दिल्ली, 4 जून (आईएएनएस)| फोर्टिस एस्कार्ट्स हर्ट इंस्टीट्यूट के चिकित्सकों ने एक तीन साल के इराकी बच्चे की सिरा के जरिए पेसमेकर के प्रत्यारोपण की प्रक्रिया के बाद बच्चे को नया जीवन प्रदान किया। बच्चा पूरी तरह से हर्ट ब्लॉकेज से पीड़ित था।
फोर्टिस ने एक बयान में सोमवार को कहा कि इस तरह के मामलों में पेसमेकर का प्रत्यारोपण मुश्किल होता है, क्योंकि बच्चा वृद्धि की अवस्था में होता है।
इस मामले में बच्चे अमीर मूसा की पहले ही मुंबई में डेढ़ साल की उम्र में एक ओपेन हर्ट सर्जरी की जा चुकी थी।
फोर्टिस एस्कार्ट्स हर्ट इंस्टीट्यूट के पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी के निदेशक राधा कृष्णन ने कहा, अमीर का पहले ही जन्मजात विकृति को ठीक करने के लिए ओपेन हर्ट सर्जरी की जा चुकी थी। इसके बाद मरीज में पूरी तरह से हर्ट ब्लॉक हो गया, जिसका मतलब है कि धड़कन की दर कम हो रही थी और इसके परिणाम के तौर पर लड़का कई बार बेहोशी का शिकार हो चुका था।
कृष्णन ने कहा, दूसरे अस्पतालों ने पेसमेकर के प्रत्यारोपण के लिए ओपेन हर्ट सर्जरी का विकल्प लेने का सुझाव दिया था। लेकिन हमने सिरा के जरिए पेसमेकर को ले जाने की चुनौती स्वीकार की, क्योंकि तीन साल के बच्चे में दूसरी ओपेन सर्जसी से जीवन में आगे जटिलताएं बढ़ सकती थीं।
मरीज को जब फोर्टिस में लाया गया तो चिकित्सकों ने मरीज के माता-पिता को दूसरी बार ओपेन हर्ट सर्जरी के साथ जटिलताओं की जानकारी दी।
हमने क्लैविकल के नीचे सिरा के जरिए सिंगल चेम्बर (वीवीआईआर) पेसमेकर का प्रत्यारोपण किया। इस प्रक्रिया को फोर्टिस के कृष्णन व अर्पणा जायसवाल की अगुवाई वाली टीम ने अंजाम दिया।