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बिहार ने दुनिया को धर्म, संस्कृति एवं शिक्षा का रास्ता दिखाया : राज्यपाल

नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यहां प्रथम कॉफी टेबल पुस्तक ‘द फस्र्ट एड्रेस’ के विमोचन पर कहा कि बिहार का इतिहास भारत के स्वर्णिम अवधि का इतिहास है।

यह प्रबोधन एवं ज्ञानोदय की धरती है। उन्होंने कहा कि बिहार ने दुनिया को धर्म, संस्कृति एवं शिक्षा के मामले में सही रास्ता दिखाया है। राज्यपाल ने कहा कि इस कॉफी टेबल बुक के प्रकाशन की प्रक्रिया के शुरुआती समय में राष्ट्रपति बिहार के राज्यपाल थे। इसलिए विमोचन के पश्चात इस पुस्तक की प्रथम प्रति देश के राष्ट्रपति को समर्पित की जाएगी।

राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि बिहार राज्य की ही तरह बिहार का राज भवन भी इतिहास, संस्कृति एवं विरासत की अमूल्य परंपरा को धारण किए हुए है। उन्होंने कहा, 1911 में दिल्ली दरबार में किंग जॉर्ज पंचम की अहम घोषणा के क्रम में पटना में राज भवन का निर्माण किया गया। इसी के आलोक में देश की राजधानी का दिल्ली में स्थानांतरण एवं बिहार तथा ओडिशा का वृहत बंगाल से पृथक्कीकरण किया गया। उस समय के वायसराय लॉर्ड हार्डिग ने सन 1913 में राज भवन का शिलान्यास किया एवं सन 1916 तक भवन का निर्माण पूरा हो गया।

राज्यपाल ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से राज भवन की अमूल्य विरासत, समृद्व इतिहास एवं प्रगतिशील वर्तमान दुनिया के सामने लाया जा रहा है। स्थापत्य कला, चित्रकला, मूर्तिकला, डिजायन एवं अन्य पुरातन महत्व के विवरणों के साथ साथ नवाचार एवं अन्य गतिविधियों की भी जानकारी इससे प्राप्त हो सकती है। राज्यपाल ने इस पुस्तक के प्रकाशन के लिए प्रकाशन मंडल के सदस्यों के साथ साथ सभी संबद्व व्यक्तियों को धन्यवाद दिया।

इस कार्यक्रम में मेजर हिमांशु तिवारी, राज भवन के विशेष कार्य पदाधिकारी संजय कुमार एवं राज्यपाल के सचिव विरेन्द्र राणा भी उपस्थित थे।

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