मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के साथ होगी रेल लाइन
नई दिल्ली, 3 जून (आईएएनएस)| भारतीय रेलवे और सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय पहली बार मुंबई व नागपुर के बीच एक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के साथ एक रेल लाइन बनाने जा रहे हैं।
एक परिवहन परियोजना को पूरा करने के लिए यह इस तरह का पहला समन्वित कदम है।
सरकार की दोनों शाखाएं मिलकर परियोजना पर तेजी से काम करेंगी, जिसका मकसद इस व्यस्त मार्ग पर यात्रा के समय में काफी कमी करना है।
रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, स्पेनिश सलाहकार इनेको ने प्रस्तावित मुंबई-नागपुर एक्सप्रेस-वे के साथ एक हाई स्पीड रेल लाइन बनाने पर फिजेबिलिटी (व्यावहारिक) अध्ययन किया है और रिपोर्ट सकारात्मक हैं।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि का अधिग्रहण कर रहा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस रेल परियोजना को ध्यान में रखेगा।
फिजेबिलिटी रिपोर्ट के अनुसार, एलिवेटेड (ऊंची) रेल लाइन का निर्माण बीच में या प्रस्तावित 800 किमी के एक्सप्रेस-वे के साथ किया जा सकता है, यह एक्सप्रेस-वे के जमीनी स्थिति पर निर्भर है।
अधिकारी ने कहा कि नदियों व पहाड़ी क्षेत्रों को पार करने के लिए दोहरी सुरंगों और पुलों का निर्माण भी किया जा सकता है। इसे सड़क व रेल यातायात के साथ समन्वित रूप से किया जाएगा।
इस फिजेबिलिटी रिपोर्ट का संबंधित रेलवे अधिकारी जांच कर रहे हैं। स्पेन का दल इस महत्वाकांक्षी परियोजना को जल्द आगे बढ़ाने के लिए सार्वजनिक ट्रांसपोर्टर को वित्तीय पहलू सहित विस्तृत प्रजेंटेशन देने को तैयार है।
अध्ययन के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे के पूरी तरह से नियंत्रित होने से सड़क और रेल यात्रियों दोनों के यात्रा के समय में काफी कमी आएगी, जबकि एलिवेटेड रेल पटरियां रेल की निर्बाध तेज गति सुनिश्चित करेगी।
इसमें भूमि अधिग्रहण बड़ी समस्या है और महत्वाकांक्षी डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर सहित कई रेल परियोजनाओं में भूमि से जुड़े मामलों की वजह से देरी हो रही है। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल गलियारा भी इसी समस्या का सामना कर रहा है।