कश्मीर : सीआरपीएफ वाहन से कुचले प्रदर्शनकारी की मौत के बाद तनाव
श्रीनगर, 2 जून (आईएएनएस)| एक दिन पहले अर्धसैनिक बल के एक वाहन के नीचे आने से घायल हुए प्रदर्शनकारी युवक की शनिवार को मौत हो गई। पहले से ही अस्थिर श्रीनगर में 21 वर्षीय युवक के जनाजे में शामिल सैकड़ों स्थानीय लोगों ने जमकर नारेबाजी की। शुक्रवार को हुई घटना में युवक के साथ दो अन्य लोग भी घायल हुए थे। जम्मू एवं कश्मीर में रमजान के दौरान घोषित संघर्षविराम के बीच इस घटना से हिंसा भड़कने की आशंका के चलते प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह अगले सप्ताह घाटी का दौरा करने वाले हैं। वह केंद्र सरकार द्वारा 16 मई को रमजान के दौरान घोषित संघर्षविराम के बाद के हालात की समीक्षा करने वाले हैं।
अंदरूनी चोटों के चलते कैसर अहमद की अस्पताल में मौत होने से श्रीनगर में पहले से ही तनाव का माहौल है। श्रीनगर के पड़ोसी शहर नौहट्टा में प्रदर्शनकारी सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे, जहां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वाहन ने प्रदर्शनकारियों को टक्कर मार दी।
युवक की मौत के बाद और हिंसा भड़क उठी है। शनिवार को सैकड़ों लोगों ने इकट्ठा होकर कब्रिस्तान के पास ईदगाह मैदान की ओर मार्च किया और जनाजे की नमाज अदा की।
भारत विरोधी नारे लगा रहे गुस्साए लोगों की भीड़ से निपटने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के धड़े अवामी एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक को जनाजे में शामिल होने से रोकने के लिए अधिकारियों ने उन्हें उनके आवास में नजरबंद कर दिया।
जम्मू एवं कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के नेता यासीन मलिक को भी श्रीनगर में गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए श्रीनगर और बड़गाम जिलों में मेबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी।
ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन की स्पीड भी कम कर दी गई है, ताकि कोई भड़काऊ पोस्ट या तस्वीरें अपलोड नहीं कर सके।
घाटी में युवक की मौत की पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीखी आलोचना की है। उन्होंने
ट्वीट किया कि अगर सरकार के संघर्षविराम का मतलब बंदूक का इस्तेमाल नहीं है, तो फिर जीप का इस्तेमाल करो।
अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को टैग करते हुए कहा, इससे पहले उन लोगों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लोगों को जीप की बोनट से बांधकर गांवों के चारों ओर परेड किया। अब वे बस सीधे प्रदर्शनकारियों पर जीप चढ़ाने लगे हैं। क्या यह आपका नया एसओपी (मानक परिचालन प्रक्रिया) है।
वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता का ट्वीट कश्मीर केंद्रित राजनेताओं के दोहरे मानदंड को दिखाता है।
उधमपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद जितेंद्र सिंह ने कहा, इन राजनेताओं के लिए सुरक्षा बल आसान निशाना हैं, लेकिन वे आतंकवादियों के खिलाफ नहीं बोल सकते, क्योंकि वे पलटवार कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करने वाले सुरक्षा बलों की आलोचना दुर्भाग्यपूर्ण है।