महिला एवं बाल स्वास्थ्य देखभाल की 17 भारतीय परियोजनाओं को अनुदान
नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)| निम्न और मध्यम आय वर्ग की महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल में सुधार के लिए काम करने वाले विकासशील देशों के 100 अन्वेषकों, जिसमें भारत के 17 शामिल हैं, को 1,00,000 कनाडाई डॉलर का अनुदान मिलेगा।
इसकी घोषणा शुक्रवार को हुई। कनाडा की सरकार द्वारा समर्थित ग्रांड चैलेंजेस कनाडा द्वारा इस पहल का वित्तपोषण किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य निरंतर चुनौतियों से निपटने के लिए नए विचारों का विकास और नए परीक्षण करना है।
ग्रांड चैलेंजेस कनाडा ने सामाजिक उद्यमों, गैर-लाभकारी संगठनों, अनुसंधान संस्थानों, विश्वविद्यालयों, और अस्पतालों द्वारा प्रदान किए गए नवाचारों का विकास और परीक्षण करने के लिए एक करोड़ कनाडाई डॉलर की घोषणा की है।
40 लाख डॉलर से अधिक के अनुदान को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य व अधिकारों के लिए 44 परियोजनाओं को समर्पित किया गया है, जिससे कनाडा की फेमिनिस्ट इंटरनेशनल असिस्टेंस नीति का क्रियान्वयन शुरू हो गया है।
कनाडा और विदेशी संस्थानों द्वारा प्रस्तावित इस पहल का लक्ष्य अफ्रीका, एशिया, मध्य और दक्षिण अमेरिका, कैरिबियाई और पूर्वी यूरोप में गरीब और सबसे कमजोर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर और जीवन को सशक्त बनाना है।
इस अनुदान के दायरे में भारत की कुल 17 परियोजनाएं हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य की दिशा में आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए नए विचारों का विकास और नए परीक्षण करना है।
रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ द मैकगिल यूनिवर्सिटी हेल्थ सेंटर शरीर में धारण करने योग्य इलेक्ट्रॉनिक पेंडेंट के जरिए प्रजनन कल्याण और चिकित्सा देखभाल के लिए व्यक्तिगत, डेटा संचालित और महिला-केंद्रित रणनीति के निर्माण के साथ भारत की ग्रामीण महिलाओं की सहायता करना चाहता है।
यह तकनीक मासिक धर्म, चिकित्सा जरूरतों के लक्षण, शरीर के तापमान और हृदय गति को ट्रैक करेगी और विभिन्न रंगीन इमोजिस के साथ जानकारी पेश करेगी। इस तरह के पेंडेंट स्मार्टफोन एप्स से जुड़े रहेंगे, जो आसपास के चिकित्सा सहायता केंद्रों तक पहुंच सकेगी और ऐसे केंद्र पर डेटा का उपयोग कर महिला उच्च-गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सकती हैं।
इस तरह के विकल्प उनके प्रजनन और अन्य स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देंगे और जटिलताओं और मृत्यु दर को कम करेंगे।