खुशखबरी : उत्तराखंड सरकार ने किसानों का बकाया गन्ना मूल्य भुगतान करने का लिया फैसला
प्रदेश में पिछले एक वर्ष में गन्ना क्षेत्रफल 84,956 हेक्टेयर से बढ़कर हुआ 86,053 हेक्टेयर
जल्द ही उत्तराखंड के गन्ना किसानों के दिन बहुरने वाले हैं। उत्तराखंड सरकार ने गन्ना किसानों का बचा हुआ बकाया गन्ना मूल्य (217 करोड़ रूपए) का भुगतान करने का अहम फैसला लिया है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरूवार को सचिवालय में गन्ना विकास व चीनी उद्योग विभाग की समीक्षा की। इस बैठक में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत भी उपस्थित थे।
बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ” सरकार गन्ना किसानों के कल्याण के लिए तेज़ी से काम कर रही है और जल्द ही उनके बकाया गन्ना मूल्य 217 करोड़ रूपए का भुगतान किया जाएगा।”
उत्तराखंड में मौजूदा समय में चीनी के मूल्य में अत्याधिक गिरावट आने के कारण चीनी मिलों की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। इसमें बाजपुर, नादेही, किच्छा और डोईवाला चीनी मिलों के कार्मिकों के बचे वेतन के लिए 95.79 करोड़ रूपए की ज़रूरत है।
” चीनी मिल कार्मिकों को इस प्रकार बिना वेतन के नहीं छोड़ा जा सकता है। लेकिन कुप्रबंधन के कारण खराब वित्तीय स्थिति में बार-बार सरकार पर निर्भरता उचित नहीं है। इसलिए चीनी मिलों को अपनी स्थिति सुधारने के लिए ज़रूरी कदम उठाने होंगे।” सीएम रावत ने आगे कहा।
उत्तराखंड सरकार के मुताबिक उत्तराखंड में पिछले एक वर्ष में गन्ना क्षेत्रफल 84,956 हेक्टेयर से बढ़कर 86,053 हेक्टेयर हो गया है। गन्ने की पेराई में एक वर्ष में 60 लाख कुंतल का इजाफा हुआ है। बीते एक साल में चीनी उत्पादन 34.55 लाख कुंतल से बढ़कर 41.69 कुंतल हो गया है और रिकवरी प्रतिशत भी 9.86 से बढ़कर 10.19 प्रतिशत हो गया है।
बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत ने बताया, ” केंद्र सरकार द्वारा घोषित सर्मथन मूल्य और राज्य सरकार द्वारा घोषित गन्ना मूल्य के अंतर की धनराशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जाना है। इस दिशा में 440 करोड़ रूपए के सापेक्ष 223 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है और 217 करोड़ रूपए गन्ना मूल्य अभी बकाया है।”