डीयू के शिक्षकों, छात्रों का कॉलेजों की स्वायत्तता के खिलाफ अनशन
नई दिल्ली, 30 मई (आईएएनएस)| दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के सैकड़ों शिक्षकों ने बुधवार को तदर्श शिक्षकों को स्थायी किए जाने व विश्वविद्यालय के कॉलेजों के स्वायत्तता के प्रयास के विरोध में भूख हड़ताल की।
दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के इस विरोध प्रदर्शन में वामपंथी छात्र संगठन इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आईसा) से संबद्ध छात्र भी बड़ी संख्या में भाग लेते देखे गए।
डूटा के सचिव विवेक चौधरी ने कहा, हमारी मांग है कि विश्वविद्यालय में सालों से काम कर रहे तदर्थ शिक्षकों को स्थायी शिक्षक बनाया जाए और स्वायत्तता के नाम पर कॉलेजों का निजीकरण नहीं किया जाए।
शिक्षकों व छात्रों ने लंबे समय से तदर्थ शिक्षकों को स्थायी किए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया है और अब वे कॉलेजों द्वारा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को स्वायत्तता के लिए आवेदन किए जाने को लेकर आंदोलनरत हैं। शिक्षकों व छात्रों के एक वर्ग ने इसे स्वायत्तता के नाम पर निजीकरण व पाठ्यक्रमों का शुल्क बढ़ाने की चाल बताया।
अब तक विश्वविद्यालय के दो कॉलेज सेंट स्टीफेंस व हिंदू कॉलेज यूजीसी व मानव संसाधन मंत्रालय से स्वायत्तता के लिए बातचीत कर रहे हैं।
डूटा ने ‘बड़े स्तर पर भूख हड़ताल’ का आह्वान करते हुए हर कॉलेज से दस स्वंयसेवकों को हड़ताल में भाग लेने को कहा था, जो शाम 5 बजे तक चली।
चौधरी ने कहा कि उन्हें भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ा क्योंकि मंत्रालय व डीयू ने उनकी दलील नहीं सुनी।
डूटा एक जून को जनरल बॉडी की बैठक में आगे की कार्रवाई पर फैसला लेगा।