महिलाओं को देश के विकास के लिए आगे आना होगा : सुमित्रा महाजन
जल संरक्षण को लेकर ठोस नीति बनाने की आवश्यकता - त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तराखंड में पहली बार आयोजित कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एशोसिएशन(सीपीए) इंडिया रीजन, जोनल-01 की बैठक सोमवार को आईएसबीटी स्थित एक स्थानीय होटल में आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन ने की।
इस मौके पर सीपीए अध्यक्ष व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष को अध्यक्षीय शोध कदम के तहत उत्तराखंड में कुछ नए कार्यों को करने पर बधाई दी। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर विचार रखते हुए कहा, ” महिलाओं को देश के विकास के लिए आगे आना होगा। हर राज्य की विधानसभा मे कुछ एक्सपर्ट्स लोगों को बुलाकर किसी एक मुद्दे को लेकर कृषि, उद्योग व अन्य विषयों पर चर्चा होनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश एक दूसरे से कैसे जुड़े और विकास की बात हो इन सब बातों को लेकर ही जोन वाइज बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
उत्तराखंड के विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, ” उत्तराखंड में पहली बार सीपीए इंडिया रीजन की जोन -एक की बैठक का आयोजन हुआ है। इस बैठक से न सिर्फ विधानसभा में कार्य संस्कृति का एक नया बदलाव देखने को मिलेगा साथ ही विकास से जुड़े मुद्दों पर एक सार्थक पहल देखने को भी मिलेगी।”
बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बैठक में नदियों की स्वच्छता एवं विकास विषय पर चर्चा के दौरान कहा कि जल संरक्षण को लेकर ठोस नीति बनाने की आवश्यकता है। वर्षा के जल का संचय करना जरूरी है। जल संरक्षण के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। पिछले वर्ष ट्रेंचेज बनाकर 40 करोड़ लीटर जल का संरक्षण किया गया। जबकि इस वर्ष 70 करोड़ लीटर जल संरक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है।
” राज्य सरकार ने रिस्पना और कोसी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 3.5 लाख वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है। हरेला पर्व के अवसर पर रिस्पना के किनारे 2.5 लाख वृक्ष लगाये जाएंगे। यह कार्य जन सहयोग से किया जाएगा। इसके लिए रिस्पना नदी को अलग-अलग जोन में बाँटा गया है।” सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया।