नीतीश जल्द ही नोटबंदी को सबसे बड़ा घोटाला करार देंगे : तेजस्वी
पटना, 27 मई (आईएएनएस)| राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने नोटबंदी का समर्थन किया था, लेकिन वही अब उस पर सवाल उठा रहे हैं और जल्द ही वह नोटबंदी को भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार देंगे। नीतीश कुमार ने बहुचर्चित नोटबंदी के कदम से आम जनता को कोई फायदा न होने को लेकर सवाल उठाया था और बैंकों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि उन्होंने कथित रूप से अमीर व्यक्तियों की उनके पैसे बदलने में मदद की। इसके एक दिन बाद तेजस्वी का यह बयान आया है।
केंद्र सरकार ने 8 नवंबर, 2016 को अचानक रात 8 बजे 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया था और तीन दिन बाद बदले में 2000 के नोटों से हर शहर के कुछ एटीएम को भरवा दिया था। काफी मशक्कत से मिले उन गुलाबी नोटों को लेकर लोग छुट्टा कराने के लिए परेशान रहे। बाद में एटीएम छोटे आकार के 500 के हरे नोट भी उगलने लगी। तब थोड़ी राहत मिली। उस दौरान बैंकों के आगे कतार में घंटों खड़े-खड़े देशभर में लगभग सवा सौ बुजर्गो की मौत हो गई, लेकिन उन मौतों पर प्रधानमंत्री से लेकर किसी मंत्री ने एक शब्द नहीं कहा।
लोग सोच रहे थे कि इतने कष्ट और कुर्बानियों के बावजूद देश से भ्रष्टाचार मिट जाएगा, इसका उन्हें फायदा मिलेगा। लेकिन बैंकों में ही भ्रष्टाचार शुरू हो गया, बाद में कई घोटाले उजागर होने लगे, तब लगने लगा कि नोटबंदी का कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि नुकसान ही हुआ। यही वजह है कि भाजपा नोटबंदी को अब अपनी उपलब्धि बताना छोड़ चुकी है।
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, हमारे प्यारे नीतीश चाचा ने एक और यू-टर्न ले लिया है।
उन्होंने ट्विटर पर कहा, उन्होंने (नीतीश कुमार) नोटबंदी का समर्थन किया था, लेकिन अब वह सवाल उठा रहे हैं। वह मुद्दे, आम लोगों की मुश्किलों और मांगों को समझने में हमेशा सालों पीछे रहे हैं। चौंकिएगा मत, अगर वह नोटबंदी को भारत का सबसे बड़ा घोटाला करार दे दें।
नीतीश कुमार ने शनिवार को नोटबंदी के फायदों पर सवाल उठाकर न केवल अपने सहयोगी भाजपा नेताओं को चौंका दिया, बल्कि अपनी पार्टी के नेताओं को भी हैरत में डाल दिया।
बिहार के मुख्यमंत्री ने बैंक अधिकारियों के साथ यहां एक बैठक में कहा था, मैं नोटबंदी का समर्थक रहा हूं. लेकिन कितने लोगों को इसका फायदा मिला? कुछ शक्तिशाली लोगों ने अपना पैसा एक स्थान से दूसरे स्थान पर कर लिया।