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कालिंदी निर्मल शर्मा … दुनिया के सबसे ऊंचे मोटर मार्ग पर पहुंचने वाली भारतीय महिला
उत्तरप्रदेश के कुशीनगर ज़िले की रहने वाली हैं कालिंदी
भारत में महिला सशक्तिकरण की मिसाल देने के लिए मन में कई साहसी महिलाओं की तस्वीरें अपनेआप सामने आ जाती हैं। ऐसी ही ज़िद्दी, बहादुर, निडर और मेहनती महिला हैं कालिंदी निर्मल शर्मा, जिनके साहस से विश्व के सबसे ऊंचे मोटर मार्ग लेह-लद्दाख के खरदुंगला को भी झुकना पड़ा।
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के मड़ार बिंदवलिया गांव में जन्मी कालिंदी निर्मल शर्मा दुनिया के सबसे ऊंचाई वाले मोटर मार्ग खरदुंगला (18,380 फीट) पर साइकिल से जाने वाली पहली महिला यात्री बनी। इसके साथ साथ महिला साइकिल यात्री के तौर पर असंभव दिखने वाली जगहों पर साइकिल से जाने के लिए उनका नाम लिम्का बुक अॉफ रिकार्ड में दर्ज किया गया।
अपनी सफलता की तस्वीरें दिखाते हुए साइकिल यात्री कालिंदी निर्मल शर्मा बताती हैं,” साइकिल चलाकर दुनिया के कठिन रास्तों पर जाने की हिम्मत मुझे मेरे गुरू रणजीत बच्चन ने दी। हम उनके साथ चार फरवरी 2002 को साइकिल से भारत यात्रा पर निकले थे और 18 दिसंबर 2009 को घर वापस आए थे। ” उन्होंने आगे बताया कि हमारी भारत यात्रा सात वर्ष 10 महीने और 13 दिनों तक चली, जिस वजह से लिम्का बुक अॉफ रिकार्ड में भी जगह दी गई। इस यात्रा के दौरान हमें 28 राज्यों के गवर्नर, मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और 600 से अधिक कलेक्टरों ने सम्मानित किया।
कालिंदी ने गुजरात के कच्छ जिले में आए भीषण भुकंप में 15 दिनों तक श्रमदान कर लोगों की सहायता की थी। वो आज समाज के गरीब वर्गों तक अपनी सेवाएं पहुंचा रही हैं। इसके साथ कालिंदी ग्रामीण विकास और गांवों में छुआछूत, अंधविश्वास जैसी कुरीतियों को खत्म करने में बड़े स्तर पर काम कर रही हैं।
” हमने भारत भर में 550 से ज़्यादा बड़ी सदभावना रैलियां और 12,600 स्थानों पर राष्ट्रीय एकता एवं सदभावना भाई चारा कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया है। भारत व भूटान की यात्रा की यात्रा पूरी होने के बाद हमें भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में बुलाकर सम्मानित किया था। इसके अलावा हमें नरेंद्र मोदी ने भी हमें साइकिल यात्रा पूरी होने पर बधाई दी थी।”
कालिंदी निर्मल शर्मा की भारत यात्रा पूरी होने के बाद कई समाचार पत्रों ने उनकी सफलता की कहानी को प्रमुखता से लोगों के सामने लाई। कालिंदी आज समाजसेवा के साथ भारत की संस्कृति को देश-विदेश तक पहुंचाने का काम कर रही हैं।
भारतीय संस्कृति उत्सव – 2018 में दिखेगी भारतीय संस्कृति की झलक
भारत यात्रा के दौरान कालिंदी को भारत के अलग-अलग हिस्सों में जाने का मौका मिला, इसी वजह से उन्होंने भारत की संस्कृति और रीति-रिवाजों को करीब से देखा है। आज लोगों को भारतीय संस्कृति के करीब लाने के लिए कालिंदी बड़े स्तर पर काम रही हैं। हाल में वो आठ जून से लेकर 14 जून तक लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमतीनगर में भारतीय संस्कृति उत्सव – 2018 कार्यक्रम का आयोजन कर रही हैं। इस कार्यक्रम में भारत की संस्कृति के साथ साथ महिला सशक्तिकरण, धर्म, शिक्षा, जाति, राजनिति और सेना जैसे अन्य 37 विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। इस आयोजन में मुख्य अतिथि उत्तरप्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और देश भर से आए कई गणमान्य लोग मौजूद रहेंगे।