लॉजिस्टिक्स सेक्टर में 4 साल में पैदा होंगी 30 लाख नौकरियां : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)| इन्फ्रास्ट्रक्च र में निवेश और वस्तु एवं सेवा (जीएसटी) कर लागू होने से लॉजिस्टिक्स उद्योग 10.5 फीसदी सीएजीआर की दर से विकसित होगा, जिससे अगले चार साल में 30 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।
टीमलीज की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है। टीमलीज की ‘इंडियन लॉजिस्टक्स रेवोल्यूशन-बिग बेट्स, बिग जॉब्स’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक निवेश और उद्योग जगत के विकास के साथ लॉजिस्टिक्स सेक्टर 14,19,000 करोड़ रुपये तक विकसित हो जाएगा।
इसका असर इन सात उप क्षेत्रों रोड फ्रेट (सड़क मार्ग से होने वाली माल ढुलाई), 2. रेल फ्रेट (रेल मार्ग से होने वाली माल ढुलाई), 3. वेयरहाउसिंग (गोदाम), 4 जलमार्ग, 5. एयर फ्रेट (वायु मार्ग से होने वाली माल ढुलाई), 6. पैकेजिंग और 7. कुरियर सेवाओं पर पड़ेगा। इससे 30 लाख नई नौकरियां पैदा होंगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, आर्थिक विकास, विनियमों, आउटसोर्सिग एवं इन्फ्रास्ट्रक्च र में निवेश के कारण रोड फ्रेट में 18 लाख नौकरियां पैदा होंगी जबकि रेल फ्रेट सेक्टर में अगले चार सालों (2018 से 2022) में 40 हजार, एयर फ्रेट से 400 हजार और जलमार्गो से 450 हजार नौकरियां पैदा होंगी।
टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक रितुपर्णा चक्रवर्ती ने कहा, लॉजिस्टिक्स सेक्टर एक बदलाव के दौर से गुजर रहा है, इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में सार्वजनिक निवेश किए जा रहे हैं। इससे परिवहन के साधनों की मांग और प्रबंधन में बड़ा बदलाव आएगा- सड़क नेटवर्क में मांग बढ़ेगी और रेलवे फ्रेट कॉरीडोर में फ्रेट हैंडलिंग की बेहतरीन क्षमता होगी।
उन्होंने कहा, नए राष्ट्रीय जलमार्ग बनाए जा रहे हैं, 3पीएल और 4 पीएल दिग्गज वेयरहाउसिंग उपक्षेत्रों में बदलाव ला रहे हैं। उपभोक्ताओं के बदलते रुझानों के चलते पैकेजिंग उपक्षेत्र को प्रोत्साहन मिल रहा है। इन सभी बदलावों तथा मैनुफैक्च रिंग, एफएमसीजी/एफएमसीडी रीटेल एवं ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी में बढ़ती मांग के चलते न केवल असंख्य नौकरियां पैदा होंगी बल्कि लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में कौशल की दृष्टि से भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
मुख्य सरकारी पहलें जैसे भारतमाला परियोजन और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना से न केवल माल ढुलाई/फ्रेट के क्षेत्र में दक्षता में सुधार आएगा बल्कि इससे रोड फ्रेट क्षेत्र में अधिकतम संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। भारत सरकार की सागरमाला परियोजना और नई राष्ट्रीय जलमार्ग परियोजनाओं के चलते देश में बंदरगाह उन्मुख विकास को बढ़ावा मिलेगा, इससे जलमार्ग क्षेत्र में नौकरियां पैदा होंगी।
मुंबई, दिल्ली-एनसीआर, पुणे और अहमदाबाद ऐसे कुछ क्षेत्र हैं जो इन पहल से सबसे ज्यादा लाभान्वित होंगे और इन क्षेत्रों में रोड फ्रेट में अधिकतम नौकरियां पैदा होंगी। वहीं इलाहाबाद, अहमदाबद, चेन्नई और गुवाहाटी में जलमार्ग क्षेत्रों में अधिकतम नौकरियां पैदा होंगी।
इन्फ्रास्ट्रक्च र इंडस्ट्री एवं लॉजिस्टिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के एडवाइजर एम.एजे. जयसीलन ने कहा, हर कोई जानता है कि लॉजिस्टक्स के सही प्रबन्धन के लिए सही समय और सही स्थान पर सही उत्पादन होना जरूरी है। हालांकि इन सभी पहलुओं में लॉजिस्टिक्स मैनेजर एवं आर्थिक नीति निर्माताओं के लिए सही लागत सबसे चुनौतीपूर्ण होती है। लॉजिस्टिक प्रबन्धन लागत केन्द्र से लाभ केंद्र के रूप में बदल रहा है। लॉजिस्टिक्स की लागत अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा के निर्धारण में निर्णायक सबित हो रही है।