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लिंगानुपात संतुलित करने के लिए उत्तराखंड सरकार चलाएगी जागरूकता अभियान

अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्रों में क्राॅस मैच किए जाएंगे लिंगानुपात के आंकड़े

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बुधवार को सचिवालय में चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने केंद्र सरकार की प्राथमिकताओं वाली संचालित योजनाओं और विभागीय कार्यों की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री रावत ने विभागीय अधिकारियों से कहा,” प्रदेश में लिंगानुपात को संतुलित करने की दिशा में विशेष प्रयासों की जरूरत है। प्रदेश में लिंगानुपात को संतुलित करने के लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाएं। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्रों के लिंगानुपात आंकड़ों को क्राॅस मैच करें, सही तस्वीर सामने आए। प्रभावी कार्ययोजना बनाएं।”

मुख्यमंत्री ने यह आदेश दिया कि हर निजी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीनों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाकर उनकी माॅनीटरिंग की जाए। तीन माह के अंदर सभी अल्ट्रासाउंड मशीनों में ट्रैकिंग सिस्टम की व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। सभी अस्पतालों और नर्सिंग होम में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड लगाया जाए। सक्षम डाॅक्टर की पर्चीे के बिना गर्भपात की दवाइयों की बिक्री करने पर सख्त कार्रवाई की जाए। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना की समय पर तैयारी कर ली जाए। 15 अगस्त 2018 तक इस योजना को प्रदेश में लाॅच किया जाना है।मुख्यमंत्री ने सभी सीएमओ को निर्देश दिए कि अपने जिलों के सीएचसी व पीएचसी सेंटरों पर नियमित भ्रमण कर व्यवस्थाओं का जायजा लें। प्रतिमाह की भ्रमण रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कार्मिकों की एसीआर परर्फोमेंस के आधार पर दर्ज की जाए।

उत्तराखंड सरकार के विजन-2020 में राज्य में मातृ-मृत्यु दर को 100 प्रति एक लाख से कम करने, शिशु-मृत्यु दर 30 प्रति एक हज़ार से नीचे लाने और पांच वर्ष से नीचे शिशु-मृत्यु दर 36 प्रति एक हज़ार से नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया है।

बैठक में प्रमुख सचिव राधा रतूडी ने बताया ,” प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का प्रदर्शन औसत से अच्छा है। इसमें अनुमतियों की गति और तेज की जा सकती है। गर्भवती महिलाओं का अनिवार्य रूप से पंजीकरण किया जाए। नंदा गौरा योजना में महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को और अधिक समन्वय बनाकर कार्य करना है।”

मौजूदा समय में उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी, टिहरी, ऊधमसिंह नगर और अल्मोड़ा छोड़कर सभी ज़िलों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का एक्शन प्लान केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।

” राज्य में 2716 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 2266 चिकित्सक कार्य कर रहे हैं। 43 अस्पतालों में आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रारम्भ हो गया है। 35 अस्पतालों में टेली रेडियोलाॅजी की सुविधाएं आरम्भ हो चुकी है। सूचना प्रोद्यौगिकी का उपयोग करके दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के साथ ही टेलीमेडिसन, ई-औषधी, ई-रक्तकोष जैसी सुविधाओं से विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार लाया जा रहा है।” सचिव स्वास्थ नितेश झा ने बताया।

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