गांवों में पेयजल संकट दूर करने के लिए सरकार ने विश्व बैंक से लगाई मदद की गुहार
उत्तराखंड सरकार ने विश्व बैंक को भेजा 1,100 करोड़ रुपए का प्रस्ताव
उत्तराखंड के 17,576 गांवों व मजरों में पेयजल किल्लत को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने विश्व बैंक की मदद ली है। राज्य में पेयजल की किल्लत को दूर करने के लिए सरकार ने विश्व बैंक को 1,100 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है।
उत्तराखंड के पेयजल मंत्री प्रकाश पंत ने बताया,” राज्य में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या को लेकर सरकार गंभीर है। इस कड़ी में वित्तीय संसाधन जुटाने पर हमारा फोकस है। विश्व बैंक को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। इसके मंजूर होने पर काफी हद तक गांवों में पेयजल संबंधी परेशानियां दूर हो जाएंगी।”
एनआरडीडब्ल्यूपी की रिपोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के गांव-मजरों में पेयजल का भारी संकट है। प्रदेश के 39,000 से अधिक गांव-मजरों में 40 लीटर प्रतिव्यक्ति के हिसाब से ही पानी की उपलब्धता है। बाकी बचे हुए 17,000 गांवों मेंहालत गंभीर है।
पेयजल अभावग्रस्त गांवों में पानी मुहैया कराने के लिए 1,100 करोड़ का प्रस्ताव तैयार कर विश्व बैंक को भेजा जा रहा है। इसके अलावा राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से मदद मांगने के साथ ही दूसरी बाहरी मददगार योजनाओं पर भी सरकार प्रयास कर रही है।