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नहीं थम रही उत्तराखंड के जंगलों में वनाग्नि की घटनाएं

हरिद्वार और उत्तरकाशी के जंगल भीषण आग की चपेट में

तेज़ी से बढ़ रहे तापमान का असर उत्तराखंड के जंगलों में साफ दिखाई दे रहा है। जंगल आग की लपटों ने श्रीनगर, हरिद्वार व कुमाऊं के कुछ इलाकों के जंगलों को घेर लिया है। हरिद्वार क्षेत्र में फैले जंगलों में पिछले 5 दिनों में करोड़ों का नुकसान हो चुका है और आग बुझाने की तमाम कोशिशों के बावजूद जंगल सुलग रहे हैं।

उत्तराखंड के चिपलघाट, नौठा, दमदेवल, जोड़पाणी, भरसार और कलगडी के जंगलों में लगी आग से काफी नुकसान हुआ है। जंगलों में आग लगने की वजह से जंगली जानवर भी आग से बचने के लिए गांवों की तरफ आ रहे हैं। वन विभाग के मुताबिक गढ़वाल वन प्रभाग में 43 क्रूस्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें 321 फायर वाचरों की तैनाती की गई है। आग पर काबू के लिए हर तरह के संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

अमेरिकन स्पेस एजेंसी नासा ने पिछले दिनों भारत की एक ऐसी सैटेलाइट इमेज जारी की, जो हैरान करने वाली थी। इस तस्वीर में देश के वों हिस्से दिखाए गए थे, जहां इस समय आग लगी हुई है। दो मार्च को खींची हुई इस तस्वीर में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और दक्षिणी भारत के कुछ राज्य दिखाए गए हैं। इनमें लगी आग लाल रंग की बिंदियों के रूप में दिखाई दे रही है। नासा की ओर से भेजी गई तस्वीर में आप जलते हुए उत्तराखंड के जंगलों के हिस्से को साफ तौर पर देख सकते हैं।

भारत में आग लगने का संकेत देता नासा का चित्र।

उत्तराखंड के जंगलों में वनाग्नि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन पर काम कर रहे वन विभाग के प्रमुख अधिकारी बीपी गुप्ता बताते हैं,” उत्तराखंड में वनाग्नि से निपटने के लिए 1,437 डीवीज़न कंट्रोल सेंटर हैं, इसमें से हर सेंटर पर करीब पांच-पांच कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इस साल हमने सरकार से वनाग्नि सुरक्षा के लिए 60 करोड़ रुपए का बजट मांगा था, लेकिन हमें सिर्फ नौ करोड़ रुपए धनराशि ही प्राप्त हुई है।” वो आगे बताते हैं कि बजट की कमी के कारण जंगलों में लगने वाली आग को तेज़ी बुझाने में परेशानी होती है।

उत्तराखंड के कई क्षेत्रों के जंगलों में फैल रही आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए संबंधित जिलाधिकारियों के आदेशों के बाद वनकर्मी मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने के लिए जुट गए हैं। हाल ही में रात के समय गंगोत्री हाईवे स्थित पोखू देवता मंदिर के पास आग लगने से काफी नुकसान हुआ था, लेकिन मौके पर वन विभाग की टीम ने आकर स्थिति काबू में लाई थी।

उत्तराखंड के गढ़वाल के कनेरी क्षेत्र के जंगलों में आग फैल गई। यह आग तेज़ी से फैलती गई और बढ़कर डिडोली, और नंदप्रयाग के जंगलों तक फैल गई। जलते हुए जंगलों में आग पर काबू पाने के लिए गोपेश्वर रेंज वन अधिकारी आरती मैठाणी के नेतृत्व में 14 सदस्यीय टीम मौके पर आग बुझाने पहुंची लेकिन तब तक जंगल का अधिकांश हिस्सा जल चुका था।

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