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भारत में नौ फीसदी महिलाएं और 14 फीसदी पुरुष हाई ब्लड प्रेशर के शिकार

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) ने जारी की रिपोर्ट

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के आंकड़ों के मुताबिक नौ फीसदी महिलाएं और 14 फीसदी पुरुष हाई ब्लड प्रेशर के खतरे में जी रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च रक्तचाप हृदय की बीमारियों के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्डियोवस्कुलर बीमारी कैंसर और मधुमेह जैसी गैर संक्रामक बीमारियों ने शहरी क्षेत्रों में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों के रूप में संक्रामक बीमारियों को पीछे छोड़ दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में हृदय रोग के लिए उच्च रक्तचाप तीसरा सबसे बड़ा जोखिम कारक है और यह सीधे तौर पर स्ट्रोक से हुई सभी मौतों का लगभग 57 फीसदी और भारत में सभी कोरोनरी हृदय रोगों से होने वाली मृत्यु के लिए लगभग 24 फीसदी जिम्मेदार है।

जयपुर के आईआईएचएमआर विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. पी.आर. सोदानी बताते हैं, ”  हाई ब्लड प्रेशर खून की धमनियों को संकुचित करने का कारण बन रहा है, जिससे रक्त का प्रवाह आपके शरीर में आसानी से नहीं हो पाता है और हृदय का काम करना कठिन हो जाता है।”

 

एनएफएचएस के आंकड़े के मुताबिक, लगभग नौ फीसदी महिलाएं और 14 फीसदी पुरुष 15 से 49 साल आयु वर्ग में इस बीमारी के शिकार होते हैं, जो कि राष्ट्रीय स्तर पर उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं।

एक अन्य अध्ययन से यह पता चलता है कि भारत में दिल का दौरा पड़ने वाले लगभग 35 फीसदी रोगी 50 वर्ष से कम आयु के हैं और लगभग 10 फीसदी रोगियों की उम्र 30 वर्ष से कम है। रिपोर्ट यह बताती है कि उच्च रक्तचाप के मामलों में 23 प्रतिशत से 42 प्रतिशत की वृद्धि शहरी एनसीआर की आबादी और 11 प्रतिशत से 28 प्रतिशत ग्रामीण एनसीआर की आबादी में बढ़त हुई है।

” जब खून अच्छे से दिल में से प्रवाह नहीं करता, तो लगातार सीने में दर्द या अनियमित दिल की धड़कन का अनुभव होता है। समय के साथ अधिक दवाब के कारण दिल बड़ा या फिर मोटा होता जाता है। यह स्थिति पूरे शरीर में रक्त पंप करने की वेंट्रिकल (दिल के निचले भाग का हिस्सा) की क्षमता को सीमित करती है और दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।” डॉ. सोदानी आगे बतात हैं।

डॉ. सोदानी ने अपनी शोध में यह पाया है कि आलसपूर्ण जीवनशैली, अस्वस्थ खानपान और लगातार तनाव के साथ शारीरिक गतिविधि में कमी के साथ अन्य कारक हैं, जो उच्च रक्तचाप के कारण बनते हैं। इसके कुछ सामान्य लक्षणों में पसीना आना, चिंता, सोने में समस्या जैसी शामिल हैं। रक्त प्रवाह जब उच्च रक्तचाप के खतरे के स्तर तक बढ़ता है, तो इसके लक्षणों में सिरदर्द और नाक से खून निकलना भी शामिल हो सकते हैं।

उच्च रक्तचाप से बचने के उपाय

– शराब के सेवन की मात्रा सीमित करें और धूम्रपान छोड़ें।

– नमक सेवन को नियंत्रित करें।

– कम वसा वाले फल और सब्जियां अधिक मात्रा लें।

– वजन को नियंत्रण में रखें, तनाव कम करें।

– शारीरिक गतिविधि को दिनचर्या में शामिल करें।

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