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उप्र : सहकारिता में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच संभव

लखनऊ, 18 मई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री मुकुट विहारी वर्मा ने शुक्रवार को कहा कि पिछले 25 वर्षो से सहकारिता में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराई जा सकती है। भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता के दौरान वर्मा ने हालांकि यह भी कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर सरकार की तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे हैं और कर्मचारियों को निलंबित किया जा रहा है। लूट की छूट किसी को नहीं दी जाएगी।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार किसी दोषी अधिकारी और कर्मचारी को बचाएगी नहीं, बल्कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बक्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी हो।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि पिछले 25 वर्षो से सहकारिता विभाग में कुछ ही परिवारों का कब्जा था। सहकारिता विभाग को इन परिवारों से मुक्त कराने के लिए इस बार स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराए गए। चुनाव की वजह से पहली बार 90 फीसदी से ज्यादा नए और ईमानदार लोगों का प्रतिनिधित्व सहकारिता विभाग को मिला है।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की मंशा किसानों की आय दोगुनी करने की है। उत्साही लोग इस दिशा में योगदान देने के लिए तैयार हैं। इसमें संगठन का भी अहम योगदान रहा है।

विभागीय जानकारी देते हुए वर्मा ने कहा कि पूर्व की सरकारों में जहां सहकारिता में चार लाख मिट्रिक टन गेहूं की ही खरीद हो पाती थी, योगी सरकार बनने के बाद वित्तीय वर्ष 2017-18 में 19़ 25 लाख मिट्रिक टन की खरीदारी हो चुकी है। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए सरकार ने 26 लाख मिट्रिक टन खरीद लक्ष्य निर्धारित किया है और अभी तक 19 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीदारी हो चुकी है।

मंत्री ने कहा कि सहकारिता के सामने खरीद के लक्ष्य को देखते हुए भंडारण की चुनौती जरूर है। इससे निपटने के लिए हर वर्ष सरकार 5000 मिट्रिक टन क्षमता के 40-40 भंडारण केंद्र का निर्माण कराएगी। इस वर्ष 2 लाख मिट्रिक टन क्षमता का भंडारण केंद्र स्थापित कराया जाएगा और अगले वर्ष तक चार लाख मिट्रिक टन क्षमता का अतिरिक्त इंतजाम सहकारिता विभाग कर लेगा।

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