गेहूं की सरकारी खरीद 350 लाख टन पार होगी!
नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)| रबी विपणन वर्ष 2018-19 में गेहूं की सरकारी खरीद 312 लाख टन से अधिक हो चुकी है और निर्धारित लक्ष्य 320 लाख टन से महज आठ लाख टन कम है, जबकि खरीद अभी तक जोरों पर है। बाजार के जानकारों व खरीद एजेंसियों की मानें तो इस साल गेहूं की खरीद का आंकड़ा 350 लाख टन को भी पार जा सकता है।
फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में गेहूं का रिकॉर्ड उत्पादन 100 करोड़ होने का अनुमान है और सरकारी एजेंसियां देश के प्रमुख गेहूं उत्पादक प्रदेशों में केंद्र सरकार द्वारा तय न्यूनतम समर्थन मूल्य 1735 रुपये प्रति क्विं टल पर किसानों से सीधे गेहूं खरीद रही है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से मिली जानकारी के मुताबिक, 11 मई 2018 तक देशभर में सरकारी एजेंसियों ने 312.02 लाख टन गेहूं की खरीद की जबकि पिछले साल इस समय तक 270 लाख टन का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया था।
इस तरह पिछले साल के मुकाबले अब तक 40 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद हो चुकी है जबकि इस साल खरीद 15 अप्रैल के बाद जोर पकड़ी है। जाहिर है कि अभी तक किसानों के पास काफी परिमाण में गेहूं बचा हुआ है। यही कारण है कि पंजाब और हरियाणा में लक्ष्य से ज्यादा खरीद होने के बावजूद गेहूं की आवक मंडियों में लगातार जारी है और अभी खरीद कुछ और दिनों तक चल सकती है।
सरकारी एजेंसियां 30 जून तक गेहूं की खरीद जारी रख सकती हैं। हालांकि कुछ जगहों पर मई में ही खरीद बंद हो जाएगी।
एफसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर खरीद मौजूदा रफ्तार से चलती रही तो गेहूं खरीद का आंकड़ा निस्संदेह 350 लाख टन को पार कर जाएगा।
रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफएमएफआई) की सचिव वीणा शर्मा ने कहा कि गेहूं की सरकारी खरीद जिस रफ्तार से चल रही है उससे लक्ष्य के पार अगर 350 लाख टन का आंकड़ा भी पार कर जाए तो इसमें कोई हैरानी नहीं होगी। उन्होंने कहा, पिछले साल के मुकाबले रकबा कम होने के आंकड़ों के बाद भी उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान भ्रामक लग रहा था। मगर, जिस तरह से गेहूं की सरकारी खरीद व आवक में इजाफा हुआ है उससे लगता नहीं है कि बुवाई का रकबा कम रहा होगा।
वीणा शर्मा ने देश में गेहूं का बंपर उत्पादन होने के बावजूद इस साल आयात होने की संभावना जताई। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में 20 फीसदी आयात शुल्क के बाद भी अंतर्राष्ट्रीय बाजार से गेहूं मंगाना पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश के मुकाबले सस्ता है।
उधर, देश में गेहूं के सबसे बड़े उत्पादक उत्तर प्रदेश में भी सरकारी एजेंसियों की खरीद जोरों पर चल रही है और उम्मीद की जा रही है कि वहां निर्धारित लक्ष्य से ज्यादा गेहूं की खरीद होगी।
शाहजहांपुर के जींस कारोबारी अशोक अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले इस साल गेहूं की खरीद ज्यादा होने की पूरी संभावना है और यहां खरीद का आंकड़ा 50 लाख टन तक हो सकता है।
एफसीआई के आंकड़ों के अनुसार, 11 मई तक पंजाब में गेहूं की खरीद 123.98 लाख टन पूरी हो चुकी थी जबकि पिछले साल समान अवधि के दौरान 114 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। हरियाणा में सरकारी एजेंसियों ने 85.41 लाख टन गेहूं खरीद लिया है जबकि पिछले साल 73 लाख टन ही इस समय तक खरीद हो पाई थी। मध्य प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद 60.33 लाख टन हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक करीब 57 लाख टन हो पाई थी। उत्तर प्रदेश में सरकारी एजेंसियों ने पिछले साल से दोगुना 28.88 लाख टन गेहूं किसानों से खरीदा है और खरीद जोरों पर है।
राजस्थान में 12 लाख टन से ज्यादा गेहूं की खरीद हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक नौ लाख टन हो पाई थी।
सरकारी एजेंसियों ने गुजरात,उत्तराखंड और चंडीगढ़ में क्रमश: 32,000 टन, 56,000 टन और 13,00 टन गेहूं खरीदा है जबकि पिछले साल तीन प्रदेशों में समान अवधि में क्रमश: 4,000 टन, 8,000 टन और 7,000 टन गेहूं की खरीद हो पाई थी।
केंद्र सरकार ने इस साल 320 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें पंजाब से 119 लाख टन, हरियाणा से 74 लाख टन, मध्यप्रदेश से 67 लाख टन, उत्तर प्रदेश से 40 लाख टन, राजस्थान से 16 लाख टन, उत्तराखंड से एक लाख टन, बिहार से दो लाख टन, गुजरात से 50,000 टन और अन्य राज्यों से 50,000 टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है।
पिछले साल सेंट्रल पूल के लिए सरकारी एजेंसियों ने 308 लाख टन गेहूं खरीदा था।
एफसीआई सूत्रों के मुताबिक बिहार में गेहूं की खरीद कुछ भी नहीं हो पाई है और वहां होने की भी संभावना कम है।
फसल वर्ष 2017-18 में देशभर में गेहूं का रकबा पिछले साल के मुकाबले 4.27 फीसदी कम 304.29 लाख हेक्टेयर दर्ज किया गया है। हालांकि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस साल देश में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 100 करोड़ टन से ज्यादा होने का अनुमान लगाया है।