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उत्तराखंड के पहाड़ी गांवों को बनाया जा रहा डिजिटली स्मार्ट

गांवों में ऑनलाइन कक्षाओं के साथ-साथ दी जा रही टेली मेडिसिन और इंटरनेट जैसी सुविधा

”उत्तराखंड के रस्थ गांव घेस में एक साल पहले मूलभूत सुविधाओं की काफी कमी थी, लेकिन आज इस गांव में अस्पताल, विद्यालय, बिजली और इंटरनेट जैसी कई सुविधाएं हैं।” यह बात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जे.बी.इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, देहरादून के वार्षिकोत्सव (सृजन 2018) में कही।
मुख्यमंत्री ने छात्रों को घेस गांव की किस्सा बताते हुए कहा, ” जब मैं पिछले वर्ष घेस गांव गया था, तब वहां पर अस्पताल, विद्यालय, बिजली इंटरनेट और अन्य जरूरी सुविधाएं नहीं थी। आज वह गांव पूर्ण रूप से डिजिटल हो गया है। राज्य सरकार के प्रयासों से दूरस्थ गांव घेस में अब टेली मेडिसिन के माध्यम से अपोलो अस्पताल को जोड़ा जा चुका है। वहां के विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं शुरू हो चुकी है। पिछले एक वर्ष में राज्य में तीन दूरस्थ गांवों को डिजिटल बनाया गया है।”
जे.बी.इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में डिजीटल गांवों का नमूना दिखाते छात्र।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को जे.बी.इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, देहरादून के वार्षिकोत्सव (सृजन 2018c का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत एनुअल प्रोजेक्ट एग्जीबिशन टेकज़ोन का भी अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने इंस्टिट्यूट के एकेडमिक अवार्ड भी प्रदान किए।
मुख्यमंत्री ने संस्थान के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत कार्यक्रम एवं प्रदर्शनी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्हें बहुत खुशी महसूस हो रही है कि संस्थान में लगभग 25 राज्यों सहित भूटान, नेपाल और तिब्बत देश से भी बच्चे पढ़ने आए हैं।  राज्य के बाहर से आए सभी छात्र छात्राओं का स्वागत करते हुए कहा कि स्थानीय लोगों एवं सहपाठी छात्र-छात्राओं को इनका विशेष ध्यान रखना चाहिए, जिससे कि यह छात्र-छात्राएं यहां से अच्छी यादें लेकर जाएं।
मुख्यमंत्री  ने छात्र-छात्राओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की बात कही। इसके अलावा युवाओं को हॉर्टिकल्चर, एरोमेटिक व जैविक खेती जैसे क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने के लिए जागरूक किया।
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