केदारनाथ और बद्रीनाथ में भारी बर्फबारी से जारी हुआ हाई अलर्ट , दो यात्रियों की मौत
लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से 4,272 चारधाम यात्रियों को भेज गया वापस
उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश और पहाड़ों में हो रही जबरदस्त बर्फबारी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। इसका सीधा असर चार धाम यात्रा पर पड़ रहा है। केदारनाथ धाम में करीब तीन इंच से ज्यादा बर्फबारी हुई है। इसके अलावा बद्रीनाथ में तीन दिन से भारी बर्फबारी जारी है।
हाल ही में बर्फबारी की वजह से केदारनाथ में उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत भी फंस गए थे। मौसम के साफ होने के बाद ही हेलीकॉप्टर की मदद से हरीश रावत गुप्तकाशी पहुंचे। इस बीच केदारनाथ में लगातार हो रही बर्फबारी की वजह से 4,272 यात्रियों को वापस भेज दिया गया है। मौजूदा समय में पुलिस की कई टीमें लोगों की मदद कर रही हैं। उत्तराखंड में मौसम विभाग द्वारा पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई थी। इस वजह से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित पड़ावों पर रोक लिया गया है। बर्फबारी की वजह से अब तक दो श्रद्धालुओं की मौत की खबर भी आ रही है।
केदारनाथ जाने वाले यात्रियों को गौरीकुंड और सोनप्रयाग में रोक लिया गया है। बार बार पुलिस द्वारा मौसम के बारे में लोगों को अलर्ट भेजे जा रहे हैं। बद्रीनाथ में भी कुछ ऐसा ही हाल है। लगातार तीन दिनों से हो रही बर्फबारी की वजह से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। पुलिस और SDRF की टीमें यात्रियों की मदद करने में जुटी हुई हैं।
उधर बारिश की वजह से उत्तरकाशी जिले के ओजरी डाबरकोट में यमुनोत्री नेशनल हाईवे बंद हो गया है। हालांकि इसके बाद यातायात शुरू कर दिया गया। टिहरी में बारिश लगातार जारी है। गढ़वाल मंडल समेत कुमाऊं में भी कई जगहों पर भारी बारिश हो रही है। ऊंची चोटियों पर हो रही बर्फबारी की वजह से सर्द हवाएं चल रही हैं।
कुछ दिन पहले से ही मौसम विभाग द्वारा उत्तराखंड के कई पहाड़ी इलाकों के लिए चेतावनी जारी की गई थी। एक बार फिर से मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले कुछ घंटे उत्तराखंड के लिहाज से काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। ऐसे में हर किसी को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है। कई यात्रियों को ऋषिकेश में ही रोका लिया गया है।
हेमकुंड साहिब में भी जबरदस्त बर्फबारी हो रही है, इस वजह से यात्रा की तैयारियों के सारे काम ठप पड़ गए हैं। केदारनाथ में कपाट खुलने के दस दिन के भीतर ही यात्रा रोकनी पड़ी है। ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। खास तौर पर केदारनाथ का मौसम यात्रियों के लिए काफी दर्दनाक साबित हो रहा है।