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पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने लगाया एकेएफआई में भ्रष्टाचार का आरोप

नई दिल्ली, 9 मई (आईएएनएस)| अजुर्न अवार्ड विजेता व पूर्व अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी महिपाल सिंह, एस. राजरातिनाम और वीरेंद्र कुमार ने बुधवार को भारतीय एमेच्योर कबड्ड़ी फेडरेशन (एकेएफआई) पर धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। इन सभी का कहना है कि जर्नादन गहलोत और उनका परिवार पूरी तरह से महासंघ पर कब्जा किए बैठा है और अदालत के आदेश को भी मानने से इनकार कर रहा है। उन्होंने साथ ही महासंघ में फर्जी सर्टिफिकेट बांटकर लोगों को सरकारी मदद मुहैया कराने का आरोप भी लगाया है।

गहलोत पूर्व में एकेएफआई के अध्यक्ष थे। उनके बाद उनकी पत्नी मृदुला गहलोत इसकी अध्यक्ष बनीं। अब उनके बेटे तेज प्रताप राजस्थान कबड्डी संघ के अध्यक्ष हैं।

वीरेंद्र कुमार ने कहा, लोगों को फर्जी सर्टिफिकेट बांटे जा रहे हैं और सरकारी सुविधाओं का लाभ पहुंचाया जा रहा है। जब मैंने इस बात को उठाया तो मुझे दरकिनार कर दिया गया।

इस मौके पर मौजूद सर्वोच्च न्यायालय के वकील और कानूनी सलाहकार भारत नागर ने कहा, महासंघ की प्रबंध समिति में किसी भी पद के लिए कभी भी चुनाव नहीं हुए और पदाधिकारियों का चुनाव हमेशा से निर्विरोध हुआ है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 30 जनवरी 2018 को हुई सुनवाई में भी इस बात पर सवाल किया था जिसे पदधाकारियों ने माना था कि महासंघ के चुनाव निर्विरोध हो रहे हैं।

अदालत ने इसे लेकर एक वकील नियुक्त किया था जो आने वाली 16 तरीख पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगा।

पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी महिपाल सिंह ने कहा, एक ऐसा रैकेट चल रहा जो लोगों से 40-50 लाख रुपये लेकर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में हिस्सा लेने दे रहा है और जब टीम अच्छा प्रदर्शन कर लौटती है तो उन्हें सरकार से एक-दो करोड़ रुपये की मदद मिल जाती है।

महिपाल सिंह ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर से भी बात की है। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री से उन्होंने इस मामले में एडहॉक समिति के गठन की बात भी की है।

महिपाल ने कहा, मैंने इस संबंध में खेल मंत्री को पत्र भी लिखा है और उनसे मुलाकात भी की है। उनका कहना है कि यह मामला अदालत में लंबित है, इस कारण वह ज्यादा कुछ नहीं कर सकते।

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