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राहुल गांधी कर सकते हैं मप्र में मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा : कमलनाथ

नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष कमलनाथ का कहना कि पार्टी में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा करने की परंपरा नहीं है। मगर, जरूरत पड़ी तो पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर सकते हैं।

कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश के लोग शिवराज सिंह चौहान की सरकार की ‘ठगी’ से नाराज हैं और कांग्रेस ने इस साल के आखिर में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव में उन्हें हराने के लिए कमर कस ली है।

उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में कहा, बेशक, समय कम है मगर मुझे पक्का विश्वास है कि मैं गांव स्तर पर पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने में सक्षम साबित होऊंगा। यह मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की संगठन-शक्ति व पैसे की ताकत के साथ है।

कांग्रेस के 71 वर्षीय वरिष्ठ नेता और छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ नौ बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव के मद्देनजर पार्टी की प्रदेश इकाई में बदलाव संबंधी फैसला बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था। लेकिन वह अब बीती बातों पर नुक्ताचीनी नहीं करना चाहते कि इस संबंध में फैसला पहले क्यों नहीं लिया गया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ को 26 अप्रैल को मध्यप्रदेश कांग्रेस की प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया गया। उन्होंने कहा कि उनका कोई गुट नहीं है और पार्टी के सभी नेताओं से उनके अच्छे रिश्ते हैं।

कमलनाथ की बातों से जाहिर होता है कि विधानसभा चुनाव में खुद उतरने को लेकर उन्होंने अपना विकल्प खुला रखा है। उन्होंने कहा, मैं 40 साल से चुनाव लड़ता आ रहा हूं। बतौर सांसद मेरा सेवाकाल सबसे लंबा रहा है।

जब पूछा गया कि क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया विधानसभा चुनाव मैदान में उतरेंगे तो उन्होंने कहा, मुझे नहीं मालूम।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा नहीं किए जाने और सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का प्रमुख नियुक्त कर संतुलन कायम किए जाने के संबंध में पूछे गए सवालों पर कमलनाथ ने कहा, मध्यप्रदेश एक बड़ा राज्य है और यहां कोई एक शख्स चुनाव नहीं जीत सकता। आपको कई चेहरों की जरूरत होती है। यही कारण है कि पार्टी ने ऐसा फैसला लिया है।

जब पूछा गया कि क्या वह चाहेंगे कि पार्टी मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा करे तो उन्होंने कहा कि हर राज्य के लिए अगल रणनीति होती है।

कमलनाथ ने कहा, कभी-कभी यह जरूरी होता है, जबकि कभी इसकी जरूरत नहीं होती। क्या भाजपा ने उत्तर प्रदेश में किसी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया था? क्या उन्होंने उत्तराखंड में किसी को मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनाया? उनका कभी कोई मुख्यमंत्री उम्मीदवार (चुनाव से पूर्व) नहीं था। इसलिए यह परिस्थितियों पर निर्भर करता है।

कमलनाथ ने इससे पहले अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि पार्टी को हर राज्य में बताना चाहिए कि वहां उसका नेता कौन है। इसका जिक्र करने पर उन्होंने कहा, अगर जरूरत महसूस होगी तो कांग्रेस अध्यक्ष किसी के नाम की घोषणा करेंगे।

कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख के तौर पर उनकी प्राथमिकता पार्टी को गांव स्तर पर मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा, चुनाव बहुत मायने में स्थानीय बन गया है और हमें यह समझना होगा।

कांग्रेस को मध्यप्रदेश में पिछले तीन विधानसभा चुनावों में हार का मुंह देखना पड़ा है। कमलनाथ का आरोप है कि भाजपा पूर्व में किए अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।

पार्टी के प्रदेश प्रमुख के तौर पर अपनी नियुक्ति के संबंध मे कमलनाथ ने कहा, मेरे सभी से अच्छे रिश्ते हैं। इसलिए मेरे लिए पार्टी में एकता लाना कोई चुनौती नहीं है। मैं भाग्यशाली हूं कि इसकी कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि पार्टी में पहले से ही एकता है। उन्होंने पार्टी में सिंधिया के साथ किसी भी प्रकार के मतभेद से इनकार किया।

कमलनाथ ने कहा कि उनका मुकाबला अभी वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज से है।

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