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टॉप-10 में बने रहना बेहद मुश्किल : प्रणॉय

नई दिल्ली, 7 मई (आईएएनएस)| बीते कुछ समय से बेहतरीन प्रदर्शन कर वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप-10 में जगह बनाने वाले भारत के पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी एच.एस. प्रणॉय का कहना है कि वर्ल्ड रैंकिंग में अपने स्थान को कायम रखना और इससे आगे जाने उनके लिए बेहद मुश्किल होगा लेकिन वो इस चुनौती के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

प्रणॉय ने हाल ही में चीन के वुहान में खेली गई एशियाई बैडमिटन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक हासिल किया था। इसी प्रदर्शन के दम पर विश्व बैडमिटन संघ (बीडब्ल्यूएफ) रैंकिंग में प्रणॉय ने टॉप-10 में जगह बनाई थी और 10वां स्थान हासिल किया।

प्रणॉय ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि उनके लिए अपनी रैंकिंग को बनाए रखना और इससे आगे जाना चुनौतीपूर्ण काम है।

उन्होंने कहा, मेरे लिए काफी मुश्किल होगा क्योंकि मेरा मानना है कि टॉप-10 में जगह बनाना एक तरह से आसान तो होता है, लेकिन वहां बने रहना बिल्कुल भी आसान नहीं होता। इसके लिए आपको लगातार अच्छा प्रदर्शन करना होता है और लगातार सेमीफाइनल और फाइनल खेलने होते हैं। यह मेरे यह मुश्किल काम होगा क्योंकि जिस तरह के खिलाड़ी यहां हैं उनसे प्रतिस्पर्धा कड़ी होगी। मैं इसी निरंतर अच्छा प्रदर्शन करते रहने की कोशिश करूंगा और हर चुनौती के लिए तैयार रहूंगा।

एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में प्रणॉय चीन के चेन लोंग से हार गए थे। उस मैच के बारे में प्रणॉय ने कहा कि उन्हें अपनी कुछ गलतियों का खामियाजा भुगतना पड़ा।

बकौल प्रणॉय, उस दिन मुझसे काफी गलतियां हुई, लेकिन मेरा मानना है कि जिस तरह से मैं खेला था वो चेन लोंग जैसे खिलाड़ी के विरुद्ध अच्छा था, लेकिन मैं अपनी रणनीति को कहीं न कहीं सही तरीके से लागू नहीं कर पाया। वो शायद मेरा दिन नहीं था।

प्रणॉय ने कहा कि पूरे साल भर का कार्यक्रम काफी व्यस्त हैं ऐसे में टूर्नामेंट में खेलने का चुनाव और अपनी फिटनेस को बनाए रखना उनके लिए चुनौती होगी।

उन्होंने कहा, टूर्नामेंट में खेलने के बारे में काफी सावधानीपूर्वक सोचना पड़ता है। देखना होता है कौन सा टूर्नामेंट अहम है और कौनसा टूर्नामेंट छोड़ा जा सकता है। इस दौरान रैंकिंग के पीछ नहीं भागना होता। इस दौरान शरीर पर भी काफी बोझ पड़ता है। तो ऐसे में आप जब पूरी तरह से फिट हो तभी टूर्नामेंट खेलने चाहिए। हर किसी टूर्नामेंट के पीछे नहीं भागना होता है।

उन्होंने कहा, फिटनेस पर काफी काम करना है साथ ही मानसिक तौर पर मजबूत होने पर भी काम करना है। जब आप अच्छा नहीं कर रहे होते हैं तब आप किस तरह से अपने आप को संभालते हैं यह काफी अहम है।

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