पत्थरबाजी को उठे हाथ होंगे हुनरमंद,दिल्ली सरकार अब भटके कश्मीरी युवाओं का तराशेगी भविष्य
Delhi Government, glimpse, future of Kashmiri youth
नई दिल्ली। दिल्ली सरकार कश्मीर के पत्थरबाजों को नौकरी-पेशे के रास्ते पर लाने की कवायद में जुटेगी। दिल्ली में मामूली और गंभीर अपराधों में लिप्त युवाओं को रोजगार की राह पर लाने वाले पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनसीडीसी) इसे कश्मीर सहित अन्य राज्यों में भी चलाए जाने की योजना है। केन्द्रीय कौशल विकास मंत्रालय के तहत कार्यरत एनसीडीसी और दिल्ली पुलिस की ओर से लागू इस परियोजना के दूसरे चरण में कश्मीर, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त युवाओं को रोजगार की राह दिखाई जाएगी।
दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त संजीव बेनीवाल की अगुवाई में इस पायलट प्रोजेक्ट को अमली जामा पहनाया गया। बेनीवाल ने बताया कि दिल्ली में कौशल विकास के लिये पंजीकृत 3240 युवाओं में से 1555 ने प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और इनमें से लगभग 11 सौ को नौकरी मिल गई है।
बेनीवाल ने बताया कि इस योजना में 16 से 25 साल तक की उम्र के अपराधियों को शैक्षिक योग्यता के मुताबिक, एनसीडीसी द्वारा डाटा ऑपरेटर, हार्डवेयर, कुकिंग और होटलों में सेवाकर्मी सहित 45 तरह के कोर्स का प्रशिक्षण दिया गया। साथ ही, हत्या जैसे गंभीर अपराधों में सजायाफ्ता दोषियों के परिवार की महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, ब्यूटीशियन और नर्सिंग सहित अन्य कामों का प्रशिक्षण दियाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अपराधियों की थाने में पहले कांउसलिंग की जाती है, इसके बाद प्रशिक्षण शुरू होता है.
बेनीवाल ने बताया कि हाल ही में कश्मीर सहित चार राज्य सरकारों ने इस परियोजना को उनके राज्यों में भी लागू करने का प्रस्ताव दिल्ली पुलिस के पास भेज दिया है। कौशल विकास मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद अब इसे एसीडीसी और दिल्ली पुलिस जल्द ही शुरू कर देगी। बेनीवाल ने कहा ‘‘दिल्ली के अनुभव से साफ हो गया है कि कश्मीर में पत्थर मारने के लिये उठे हाथों के हुनर को सही दिशा देकर रोजगार की राह पर ले जाना आसान है।’’