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मप्र : नौरादेही अभयारण्य में बाघों का कुनबा बढ़ाने की कवायद

भोपाल, 6 मई (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश के नौरादेही अभयारण्य में बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान से लाए गए बाघ को प्रबंधन ने सफलतापूर्वक रेडिया कॉलर पहना दिया है, ताकि इस बाघ की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। इस अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़ाने के मकसद से बांधवगढ़ से यहां लाया गया है।

आधिकारिक तौर पर रविवार को दी गई जानकारी के अनुसार, नौरादेही अभयारण्य में विगत 30 अप्रैल को बांधवगढ़ से शिफ्ट किए गए बाघ को एन-टू नाम दिया गया है। रेडियो कॉलर पहनने से यह बाघ जीपीएस और वीएचएफ के दायरे में आ गया है। इससे भ्रमण की लगातार निगरानी में सहायता मिलेगी। कॉलरिंग के बाद बाघ को वापस जंगल में छोड़ दिया गया है।

नौरादेही टीम ने यह कार्य बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के नेतृत्व में आई रेस्क्यू टीम और हाथी की मदद से किया।

वनमंडलाधिकारी रमेशचंद्र विश्वकर्मा ने बताया कि पन्ना की तर्ज पर नौरादेही में बाघों का पुनर्वास किया जा रहा है। कान्हा से बाघिन और बांधवगढ़ से बाघ लाया गया है। इससे यहां बाघों का कुनबा बढ़ेगा। सौ किलो से अधिक वजन की बाघिन एन-वन नए माहौल में सामंजस्य बिठाने लगी है। वह बाड़े में ही रह रही है और स्वाभाविक रूप से शिकार कर रही है।

उन्होंने कहा कि दो सौ किलो से अधिक का बाघ काफी शक्तिशाली है और बाड़े के बाहर नाले के पास रहना पसंद कर रहा है। पहले की अपेक्षा स्वभाव से थोड़ा नर्म हुआ है।

नौरादेही अभयारण्य सागर, दमोह, रायसेन, नरसिंहपुर जिले की सीमाओं में आता है। यह अभयारण्य लगभग 1197 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां बाघ बढ़ाने की कवायद के तहत बाघ-बाघिन के जोड़े को लाया गया है।

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