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जिस बेटी के शव का मां–बाप ने किया अंतिम संस्‍कार, वो 9 दिन बाद जिंदा लौटी

नोएडा।  कुछ दिन पहले हाईवे पर पुलिस को एक लड़की की जली लाश मिली थी। इसकी शिनाख्‍त के बाद  25 साल की बेटी का शव मां–बाप के हवाले कर दिया गया। माता–पिता ने भी दिल पर पत्‍थर रखकर शव का रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्‍कार कर दिया। अंत्‍येष्टि के कुछ दिन बाद बेटी सही सलामत घर आ गई तो हैरत से सबकी आंखें फटी रह गईं।

उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने एक ऐसी गुत्थी सुलझाई, जिसमें झोल के अलावा कुछ नहीं था। ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ के मुताबिक नोएडा में रहने वाले राज और सर्वेश सक्सेना की 25 साल की बेटी बीती 5 अप्रैल को घर छोड़कर चली गई थी। माता-पिता ने फेज 2 पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई। इसके 18 दिन बाद जब पुलिस को सेक्टर 115 में एफएनजी एक्सप्रेसवे पर एक महिला की जली हुई लाश मिली। शव की पहचान करने गए राज और सर्वेश ने पुलिस को बताया कि लाश उनकी बेटी नीतू की ही है। जवान बेटी की मौत की खबर सुनकर सक्‍सेना दंपति टूट गया।

राज और सर्वेश ने बेटी की मौत के पीछे पति राम लखन का हाथ होना बताया । बता दें कि नीतू और राम लखन आपसी मतभेदों के चलते पिछले तीन सालों से अलग रह रहे थे। शक के आधार पर पुलिस ने राम लखन के खिलाफ जांच शुरू की। पुलिस ने पहले नीतू के ससुर राम किशन को हिरासत में लिया। फिर पति लखन तक पहुंचे। दोनों से जांच-पड़ताल करने के बाद पुलिस को एहसास हुआ कि इस हत्या में दोनों का हाथ नहीं है। इसके बाद पुलिस ने उन लोगों की तलाश शुरू की, जो राज और सर्वेश की किराने की दुकान में अक्सर आया करते थे।

पुलिस की पड़ताल में पता चला कि पूरण नाम का एक शख्स अक्सर दुकान पर आया करता था, लेकिन नीतू के गायब होने के बाद से उसने दुकान पर आना बंद कर दिया। कुछ दिन बाद पूरण दुकान पर आया तो नीतू के माता-पिता ने उससे कई सवाल पूछे, लेकिन उसने कोई सही जवाब नहीं दिया। जब रात को पूरण अपना सामान लेकर निकलने लगा तो मां-बाप को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को इस बारे में सूचना दी। पुलिस ने पूरण पर नजर रखकर जांच की तो हैरतनाक सच सामने आया।

जिस बेटी को मरा समझकर मां-बाप अंतिम-संस्कार कर चुके थे, वो पिछले कई दिनों से पूरण के साथ एटा में रह रही थी। फेज टू पुलिस स्टेशन सतेंद्र कुमार राय ने बताया, ‘जब तक हमने उसे पकड़ा, नीतू भंगेल के लिए निकल चुकी थी। हम भंगेल से उसे वापस घर लेकर आए।

नीतू ने बताया कि 5 अप्रैल को उसका मां-बाप से झगड़ा हो गया था जिसके बाद वो घर छोड़कर चली गई। वो पूरण को पहले से जानती थी और अपनी मर्जी से उसके साथ रहने गई।’ बेटी को जिंदा देखने के बाद मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं है। वहीं दूसरी तरफ अब पुलिस उस महिला की पहचान पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिसकी लाश को नीतू का समझकर अंतिम संस्कार किया गया था।

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