बिहार : राज्यपाल ने बीएड कॉलेजों में धांधली रोकने का नुस्खा दिया
पटना, 3 मई (आईएएनएस)| बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने यहां गुरुवार को कहा कि राज्य के ज्यादातर बीएड कॉलेज नेताओं के हैं, जिनमें नामांकन में धांधली होती है।
इन कॉलेजों में नामांकन के लिए एकीकृत प्रवेश परीक्षा आयोजित किए जाने से नामांकन में चल रही धांधली बंद हो जाएगी। नवसृजित पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के अनुग्रह नारायण कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय युवा महोत्सव ‘इंद्रधनुष-नई पीढ़ी : नए रंग’ का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि 65 प्रतिशत से भी अधिक युवाओं की आबादी वाले देश में युवाशक्ति ही देश को सशक्त और समृद्ध बना सकती है।
उन्होंने कहा कि कौशलयुक्त और नैतिक आदर्शो से परिपूर्ण युवा भारत का नवनिर्माण करने में पूरी तरह सक्षम हैं। मलिक ने कहा कि भारत के स्वर्णयुग का जो इतिहास है, वह वस्तुत: बिहार का ही इतिहास है। बिहार की युवा शक्ति अत्यंत प्रतिभासंपन्न, परिश्रमी और तेजस्वी है।
राज्यपाल ने बीएड कॉलेजों में नामांकन के लिए राज्य स्तर पर ‘कम्बाइंड इंट्रेस टेस्ट’ (एकीकृत प्रवेश परीक्षा) इस वर्ष से ही संचालित किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि इससे नामांकन में पारदर्शिता और नियमितता आएगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर सांस्कृतिक तथा क्रीड़ा प्रतियोगिता आयोजित कराई जाएगी।
राज्यपाल ने कहा कि बिहार में प्रतिभाशाली युवाओं की कमी नहीं है। बिहार में ही अगली ‘हरित क्रांति’ शुरू होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि इस हरित क्रांति से पूरा देश खुशहाल होगा।
उन्होंने कहा कि दुनिया के अन्य प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों की तुलना में भारत में काफी कम लोग नोबेल पुरस्कार पाने में सफल रहे हैं। मलिक ने विश्वास जताते हुए कहा कि दर्जन भर नोबेल पुरस्कार हासिल करनेवाले इस देश में बिहारी प्रतिभाएं निश्चय ही भविष्य में नोबेल पुरस्कार पाने में भी सफल होंगी।
राज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को राजभवन में आयोजित होनेवाले कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले विद्यार्थियों को भी आमंत्रित कर पुरस्कृत किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ गुलाबचंद राम जायसवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में भारतीय संस्कृति और दर्शन से संबंधित पाठ्यक्रम भी विद्यार्थियों के लिए लागू करने की जरूरत है।