स्टेम सेल बाजार 2025 तक 15 अरब अमेरिकी डॉलर का
नई दिल्ली, 29 अप्रैल (आईएएनएस)| वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने स्टेम सेल उपचार को लेकर भारतीय राजपत्र (गजट) का स्वागत किया और राजपत्र में कुछ संशोधनों का सुझाव दिया है।
भारतीय स्टेम सेल सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. आलोक शर्मा ने कहा कि नए भारतीय राजपत्र के साथ अब सेलुलर थेरेपी को स्वास्थ्य देखभाल में बदलाव के लिए बड़ी प्रगति के रूप में मान्यता मिली है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्टेम सेल बाजार 9.2 फीसदी की दर से वृद्धि कर रही है और 2025 तक यह 15.63 अबर अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
स्टेम सेल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा 28-29 अप्रैल को यहां आयोजित सोसाइटी के चौथे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में शर्मा ने कहा, चार अप्रैल, 2018 को प्रकाशित भारत के राजपत्र के अनुसार औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम 1945 में संशोधन के रूप में निम्नलिखित सुधारों को शामिल करने का सुझाव दिया जाता है। इस राजपत्र के अनुसार यह प्रस्तावित किया जाता है कि मिनिमली मैनिपुलेटेड स्टेम सेल को ‘एक ड्रग’ ( औषधि) नहीं माना जाएगा, इसलिए उसे औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम से बाहर रखा जाएगा।
डॉ. शर्मा ने कहा, मरीजों के शरीर से ली गई कोशिकाओं या ऊतकों को शरीर से बाहर द्विगुणित किए बिना, तत्काल अमल में लाने के लिए सफाई और अलगाव के अधीन रखा जाता है, जिसे मिनिमली मैनुपलेटेड सेल्स (न्यूनतम रूप से छेड़छाड़ की गई कोशिकाओं) के रूप में जाना जाता है। यह ‘स्टेम सेल थेरेपी’ है, जो शल्य चिकित्सकों (सर्जन) या चिकित्सकों के अधिकार के तहत है, इसके विपरीत ‘स्टेम सेल ड्रग्स’ एक उत्पाद या एक दवा होगी।
उन्होंने कहा, जापान, कोरिया और अमेरिका जैसे देशों में हालिया सुधारों के बाद ये परिवर्तन बेहद प्रगतिशील हैं। यह संशोधन भारत में सेल थेरेपी के विकास की सुविधा प्रदान करेगा और वर्तमान में असाध्य बीमारियों से पीड़ित लाखों मरीजों को यह उपचार उपलब्ध हो सकेगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने एससीएसआईसीओएएन 2017-18 की स्मारिका में एक संदेश में कहा है, जब ‘आयुष्मान भारत’ का परिचालन सुचारु हो जाएगा, तब ‘विकलांगों के अधिकार अधिनियम 2016’ के तहत विकलांगता से राहत देने के लिए इस योजना में स्टेम सेल थेरेपी को शुमार करने पर विचार किया जाएगा।
ड्रग कंट्रोलर जनरल (इंडिया) डॉ. एस. ईश्वरा रेड्डी ने कहा, स्टेम सेल आधारित दवाओं के विनियमन प्रदान करने के लिए औषधि एवं प्रसाधन सामग्री नियम, 1945 को संशोधित करने का प्रस्ताव है। वहीं स्टेम सेल आधारित दवाओं को स्टेम सेल थेरेपी से सीमांकित किया जाता है, न कि इलाज कर रहे चिकित्सक की भूमिका पर अतिक्रमण करने के लिए।
यह सम्मेलन विभिन्न न्यूरोलॉजिकल, बाल चिकित्सा, ऑथोर्पेडिक, कार्डियक, त्वचाविज्ञान संबंधी विकारों में स्टेम सेल अनुप्रयोग के साथ-साथ स्टेम सेल थेरेपी की एंटी- एजिंग क्षमता का एक समूह था।