कांग्रेस का गोयल पर ‘घोर अनियमितता’ का आरोप, भाजपा ने कहा आधारहीन
नई दिल्ली, 28 अप्रैल (आईएएनएस)| कांग्रेस ने शनिवार को रेल और कोयला मंत्री पीयूष गोयल पर कथित रूप से एक निजी कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को उसके अंकित मूल्य से हजार गुना अधिक कीमत पर ऊर्जा के क्षेत्र में कारोबार करने वाली एक कंपनी को बेचने का आरोप लगाया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तत्काल अपने मंत्री के बचाव में उतर आई और उसने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी द्वारा गोयल पर ‘आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और गलत’ आरोप के जरिए हमला करने का प्रयास है।
कांग्रेस ने मामले में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए गोयल को पद से हटाने और मामले की ‘व्यापक व स्वतंत्र जांच’ की मांग की है।
एक समाचार वेबसाइट की विस्तृत रपट का हवाला देते हुए कांग्रेस ने कहा कि भाजपा नेता ने 2014 के सितंबर में अपनी और अपनी पत्नी के स्वामित्व वाली कंपनी के सभी शेयरों को अजय पीरामल की कंपनी को शेयरों के फेस वैल्यू से लगभग 1,000 गुना कीमतों पर बेच दिया, जिसकी सूचना प्रधानमंत्री कार्यालय को नहीं दी गई। यह लेन-देन गोयल के मंत्री बनने के चार महीने बाद हुआ था। पीरामल समूह नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी है, जबकि गोयल उस समय बिजली एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री थे।
आईएएनएस ने प्रतिक्रिया के लिए पीरामल समूह को एक ईमेल भेजा, लेकिन स्टोरी जारी होने तक कोई जवाब नहीं आया है।
भाजपा ने एक बयान में कहा, पिछले महीने कांग्रेस ने गोयल पर उनके वैध कारोबार को लेकर दुर्भावनापूर्ण तरीके से वित्तीय अनिमितता के गलत आरोप लगाकर उन्हें निशाना बनाया।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि यह सौदा मोदी सरकार के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री की ‘पोल खोलता’ है।
समाचार वेबसाइट ‘द वायर’ के एक लेख में आरोप लगाया गया है कि गोयल ने प्रधानमंत्री कार्यालय को 2014 और 2015 में अपनी संपत्तियों और देनदारियों के बारे में जो अनिवार्य बयान दिए थे, उसमें न तो अपने स्वामित्व वाली कंपनी फ्लैशनेट इन्फो सॉल्यूशंस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड का खुलासा किया था, और न इसकी बिक्री का ही खुलासा किया था।
भाजपा ने कहा है कि जब यह सौदा हुआ था, उससे पहले ही गोयल ने अपनी संपत्तियों और दायित्वों का सार्वजनिक खुलासा कर दिया था और यह गोयल के मंत्री बनने से पहले किया गया था। कांग्रेस झूठे आरोप लगा रही है।
कांग्रेस ने शनिवार को गोयल पर एक निजी कंपनी के रखे हुए शेयरों को बेचने का आरोप लगाया, जो उसकी फेस वैल्यू के हजार गुना कीमत पर बेचे गए। ये शेयर अजय पीरामल की कंपनी को बेचे गए और इसकी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय को न तो पहले और न बाद में दी गई। यह सौदा गोयल के मंत्री बनने के चार माह बाद हुआ था।
भाजपा ने कहा कि गोयल एक प्रतिष्ठित चाटर्ड अकाउंटेंट हैं, जो अपनी कंपनियों के माध्यम से अपना पेशेवर काम कर रहे थे तथा कंपनी निवेश का काम भी करती थी। साल 2014 के मई में मंत्री बनने के बाद उन्होंने सभी पेशेवर/व्यवसायिक गतिविधियों को बंद कर सभी कंपनियों के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और अपने द्वारा किए गए निवेश की बिक्री शुरू कर दी।
भाजपा ने कहा कि गोयल को निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस अपने नेताओं द्वारा किए गए घोटालों से लोगों को ध्यान हटाना चाहती है, जिसका उसके पास कोई जबाव नहीं है।
वहीं, खेड़ा ने कहा प्रधानमंत्री मोदी की विश्वसनीयता ‘एक बार फिर दांव पर है।’