बिना लाव-लश्कर मोदी-शी ने आपसी आकांक्षाओं पर की वार्ता : चीनी मीडिया
वुहान, 28 अप्रैल (आईएएनएस)| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक दो दिवसीय शिखर वार्ता में दोनों देशों के प्रमुख के ‘दिल से दिल’ की बात में चीनी मीडिया ने पारस्परिक इतिहास की गहराई की तस्दीक करते हुए लंबी अवधि के द्विपक्षीय रिश्तों की ऊंचाई को प्रतिबिंबित किया।
‘चाइना डेली’ ने अपने एक अभिमत आलेख में कहा, शी और मोदी के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता की खूबसूरती यह है कि इसमें कोई लाव-लश्कर नहीं था सिर्फ आकांक्षाएं थीं। यह (वार्ता) प्रचलित कूटनीतिक तामझाम से मुक्त रही, बल्कि कुछ हद तक वैश्विक मीडिया की चकाचौंध से परे थी।
चीनी अखबार ने कहा, जैसी अपेक्षा थी वैसे ही दोनों नेताओं ने आपस में दिल से दिल की बात की, जिसमें उनके बीच की केमिस्ट्री की गहराई प्रतिबिंबित हुई। इसके फलस्वरूप दोनों पड़ोसियों के बीच आपस में भरोसा बढ़ेगा और लंबी अवधि के द्विपक्षीय विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
भारत और चीन के बीच 1962 के युद्ध के कारण तनावपूर्ण संबंध रहा है। दोनों देशों के रिश्तों में पिछले साल विवादित सीमा को लेकर पिछले साल पैदा हुए सैन्य-गतिरोध से खटास आया था। हालांकि बातचीत के जरिए अगस्त में गतिरोध दूर हुआ।
चीनी अखबार ने कहा कि पिछले साल गर्मी के दिनों में सीमा पर पैदा हुआ गतिरोध आपस में संदेह का महज एक उदारहण है जो दोनों देशों को संभावित अविश्वास की याद दिलाता रहेगा। फिर भी न तो बीजिंग और न ही दिल्ली एक दूसरे को दुश्मन बताता है, जो इस बात का परिचायक है कि दोनों द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार की उम्मीद करते हैं।
अखबार ने चीन और भारत को नैसर्गिक साझेदार बताते हुए कहा कि दोनों इस बात को मानते हैं कि अन्य विकासशील देश भी इनसे विश्व-व्यवस्था को अधिक समतुल्य बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सुधार की आशा रखते हैं।
ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि अनौपचारिक शिखर वार्ता से चीन और भारत के बीच रिश्तों में एक नए अध्याय की शुरुआत होगी।
वहीं, चीन के पीपल्स डेली ने शी के उस बयान का जिक्र किया जिसमें उन्होंने कहा, दोनों पक्षों के बीच सहमति से चीन-भारत संबंधों को सकारात्मक संकेत मिले हैं और आपस में लाभकारी सहयोग को बढ़ाने की दिशा में उभरती हुई दो अर्थव्यवस्थाओं की दृढ़ मंशा प्रतिबिंबित हुई है।