शॉपिंग मॉल और रीटेल आउटलेट्स में बिकेंगे पहाड़ी गांवों में बने गृह उत्पाद
एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के लिए मंजूर हुए 220 करोड़
उत्तराखंड सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों और प्रोड्यूसर ग्रुप के आर्थिक विकास के लिए एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना में 220.72 करोड़ रुपए का वार्षिक बजट मंज़ूर किया है । सरकार के इस फैसले से राज्य के करीब 85,766 लोगों को लाभ मिलेगा।
सचिवालय में आयोजित परियोजना संचालन समिति की बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में इस फैसले को लिया गया। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने महिला स्वयं सहायता समूहों और प्रोड्यूसर ग्रुप द्वारा उत्पादित वस्तुओं को बेहतर बाज़ार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया, ”प्रमुख स्थानों पर हिलान्स के आउटलेट सभी जगह खोले जाएं। दिल्ली, देहरादून और अन्य बड़े शहरों के मॉल और बड़े बाजारों में उत्तराखंड के उत्पाद उपलब्ध कराए जाएं।
भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास निधि (आइफेड) के माध्यम से एकीकृत आजीविका सहयोग चलाई जा रही है। इस योजना के तहत महिलाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण और बेहतर बाज़ार व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रदेश के चारधामों में प्रसाद बनाने का कार्य भी महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। इसमें 7,043 युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। वहीं 5428 युवाओं का प्रशिक्षण चल रहा है। इसके साथ ही राज्य के करीब 2,213 लोगों को रोजगार, 385 लोगों को स्वरोजगार मिला है।
उत्तराखंड में मौजूदा समय में एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना के माध्यम से 347 सिंचाई टैंकों के निर्माण, 4,530 रूफ वाटर हार्वेस्टिंग, 34 किलोमीटर सिंचाई चैनल, 30 ग्रामीण तालाब, 390 बायो मास पिट, 310 पॉलीहाउस आदि कार्य कराए गए हैं।