तालिबान ने अफगान सरकार का वार्ता प्रस्ताव ठुकराया
काबुल, 25 अप्रैल (आईएएनएस)| तालिबान ने बुधवार को अफगानिस्तान सरकार के वार्ता प्रस्ताव को ठुकरा दिया और इसे ‘धोखा देने और षड्यंत्र’ रचने का प्रयास बताया।
इसके साथ ही तालिबान ने नए वसंत हमले की घोषणा की। खामा प्रेस की रपट के अनुसार, आतंकवादी समूह ने एक बयान में कहा कि ताजा हमले ‘अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अगस्त में घोषित नए रणनीति की प्रतिक्रिया में हैं’, जिसके तहत अफगानिस्तान में हजारों विदेशी सैनिकों की तैनाती करने का प्रस्ताव है।
तालिबान ने कहा, ‘ऑपरेशन अल-खंदक’ पूरे देश में बुधवार से शुरू होगा, जिसके अंतर्गत हमलोग अफगान और विदेशी ताकतों खासकर अमेरिकी आक्रांताओं और उनके खुफिया एजेंटों को निशाना बनाकर हमले जारी रखेंगे।
तालिबान ने अफगानिस्तान के नागरिकों के साथ अफगानी सैनिकों और दस्तों को भी विदेशी परिसरों से दूर रहने के लिए कहा।
तालिबान ने 28 फरवरी को सरकार द्वारा शुरू की गई पहल पर भी निशाना साधा, जिसमें राष्ट्रपति गनी ने ‘बिना पूर्व शर्त’ और साथ में राजनीतिक मान्यता देने, पासपोर्ट जारी करने, उनके परिजनों का स्थानांतरण और कैदियों की रिहाई के साथ शांति वार्ता की पेशकश की थी।
यह तालिबान के लिए अबतक का सबसे महत्वाकांक्षी प्रस्ताव था। आतंकवादी समूह ने अफगानिस्तान सरकार की पहल को ‘विदेशी अधिकारियों द्वारा अफगानिस्तान के मौजूदा प्रतिरोध को हतोत्साहित करने, कुचलने और अंतत: शांत करने का षड़यंत्र बताया।’
इस वर्ष जनवरी में अमेरिका के साथ वार्ता की पेशकश कर चुके आतंकवादी संगठन ने वाशिंगटन पर ‘युद्ध समाप्त करने के लिए गंभीर या ईमानदार मंशा नहीं अपनाने’ का आरोप लगाया।’
तालिबान ने कहा, वे लोग अफगानिस्तान और पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में धकेल कर इसे तेज और लंबा खींचना चाहते हैं, ताकि वे यहां अपने हस्तक्षेप और प्रभावित करने के मौके को सुनिश्चित कर सके।