खुर्शीद के बयान से पार्टी ने किया किनारा
नई दिल्ली, 24 अप्रैल (आईएएनएस)| कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने एक बयान देकर एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेस नेता ने सोमवार को एक जनसभा में कहा कि वह स्वीकार करते हैं कि कांग्रेस के हाथ खून से रंगे हैं।
कांग्रेस ने हालांकि उनके बयान को निराधार बताया है। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सवाल-जबाव के दौरान सांप्रदायिक दंगों में मुस्लिमों की मौत और अयोध्या में बाबरी मस्जिद-राम मंदिर विवाद के सवाल पर उन्होंने यह विवादित बयान दिया।
कांग्रेस ने बयान को निराधार बताते हुए इसकी आलोचना की है। कांग्रेस ने कहा कि इनसे सिर्फ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ही फायदा होगा।
पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद ने प्रश्नकर्ता से कहा, यह एक राजनीतिक प्रश्न है लेकिन मैं इसका जरूर जबाव दूंगा इसलिए मुझे यह स्वीकार करने दीजिए कि हमारे हाथ खून से रंगे हैं। आप हमें यही बता रहे हैं कि अगर कोई आप पर हमला करता है तो हमें आपको बचाने के लिए आगे नहीं आना चाहिए।
उन्होंने कहा, हम आपको खून के दाग दिखाएं जिससे आप यह समझ जाएं कि हमारे ऊपर के दाग आप तक नहीं आने चाहिए। उन्होंने छात्र को इतिहास से सीखने तथा ऐसी परिस्थिति में ना पड़ने के लिए कहा जिससे 10 साल बाद ऐसा सवाल पूछने के लिए उन्हें कोई ना मिले।
सवाल पूछने वाले छात्र ने हाशिमपुरा और मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक दंगों का उल्लेख किया था। उसने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में बाबरी मस्जिद ढांचे के दरवाजे खुले, उसके अंदर भगवान राम की मूर्तियां स्थापित की गईं और ढांचे को तोड़ा गया।
छात्र ने प्रश्न किया, मुस्लिमों का खून कांग्रेस के हाथों पर है। आप किन शब्दों से उन दागों को धोएंगे।
कांग्रेस के प्रवक्ता पी.एल. पूनिया ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी सलमान खुर्शीद के बयान से असहमत है।
उन्होंने कहा, यह सबको पता होना चाहिए कि आजादी से पहले और बाद में कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जिसने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, गरीब, धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी धड़ों को साथ लाकर समतावादी समाज के निर्माण के लिए काम किया है।
पूनिया ने कहा, वर्तमान में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा ऐसे आधारभूत मूल्यों पर प्रहार किया जा रहा है तो सभी नेताओं को यह याद रखना चाहिए कि ऐसे बयानों से मोदी सरकार को बल मिलेगा। यह सरकार समाज को जाति और संप्रदाय के आधार पर बांट कर किसी भी कीमत पर सत्ता बरकरार रखना और हासिल करना चाहती है।
सलमान खुर्शीद इससे पहले भी विवादित बयान दे चुके हैं। उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने पिछड़े मुस्लिमों के लिए नौ फीसदी उप आरक्षण की मांग की थी। इन चुनावों में उनकी पत्नी भी मैदान में थीं।