‘मवेशियों की तस्करी के कारण बंगाल को हर महीने 100 करोड़ का घाटा’
कोलकाता, 23 अप्रैल (आईएएनएस)| मवेशियों का व्यापार करने वाली एक संस्था ने सोमवार को उत्तर बंगाल के कुछ जिलों में पुलिस के एक हिस्से पर मवेशियों को बांग्लादेश ले जाने वाले तस्करों को सुरक्षित मार्ग मुहैया कराने का आरोप लगाया।
संस्था का कहना है इससे सरकार को प्रत्येक महीने करीब 100 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। अखिल भारतीय पशुधन व्यापारी एवं ट्रांसपोर्टर संघ के पदाधिकारियों ने ‘वैध व्यापारियों के उत्पीड़न को रोकने के लिए’ पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस अधिकारियों से पुलिस और तस्करों के बीच कथित सांठगांठ को तोड़ने के लिए कदम उठाने की मांग की है।
संगठन के अध्यक्ष अरुण लिंगदोह ने यहां संवाददाताओं को बताया, मवेशियों और सुअरों के लाइसेंसधारी ट्रांसपोर्टरों को विभिन्न नाकों पर उत्पीड़न का शिकार होना पड़ता है। लेकिन, मवेशियों की तस्करी कर उन्हें बांग्लादेश ले जाने वाले तस्कर सुरक्षित मार्ग को लेकर सुनिश्चित रहते हैं क्योंकि दलालों ने पुलिस को भारी भरकम कमीशन चुकाई होती है।
उन्होंने कहा कि इस अवैध गतिविधि के कारण सरकार को हर महीने करीब 100 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है।
उन्होंने दावा किया कि मवेशी व्यापारी मवेशियों को राजस्थान, बिहार, झारखंड और हरियाणा जैसे राज्यों से खरीद कर लाते हैं और खेती बाड़ी में प्रयोग के लिए पूर्वोत्तर राज्यों में बेचते हैं।
संगठन के सचिव मुन्ना सैकिया ने आरोप लगाया, हमें डीएसपी पद के नीचे वाले पुलिसकर्मियों और तस्करों द्वारा उत्तर दिनाजपुर, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और कूचबिहार के नाकों, विशेष रूप से फासीदेवा इलाके में प्रताड़ित किया जाता है।