अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका की मानवाधिकार रिपोर्ट में भारतीय पुलिस और सुरक्षाबलों की आलोचना

न्यूयार्क। अमेरिका के मानवाधिकार विभाग ने अपनी एक रिपोर्ट में मानवाधिकार हनन को लेकर भारत की आलोचना की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पुलिस और सुरक्षा बलों की ओर से मानवाधिकार का हनन किया गया है।

रिपोर्ट में अलगाववादी ताकतों और आतंकियों द्वारा रेप किए जाने की गंभीर घटनाओं की भी निंदा की गई है। वाशिंगटन में शुक्रवार को वर्ष 2017 की मानवधिकार रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें न्यायेतर हत्या, लापता होने की घटना, यातना, पुलिस और सुरक्षा बलों के दुराचार, मनमाने ढंग से गिरफ्तार करने व हिरासत में लेने के मामले, दुष्कर्म, कारावास में सख्त व जान को खतरा पैदा करने वाले हालात व मुकदमा चलने से पहले हिरासत की लंबी अवधि के मामले में मानवाधिकार हनन का उल्लेख किया गया है।

रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया गया है कि जम्मू एवं कश्मीर, पूर्वोत्तर और माओवाद प्रभावित इलाकों में अलगाववादी बगावती ताकतों और आतंकियों ने दुराचार की गंभीर घटनाओं को अंजाम दिया। इन घटनाओं में सैन्य बल के जवानों, पुलिस, सरकारी अधिकारियों और आम नागरिकों की हत्या की गई और उन्हें यातनाएं दी गईं।

यह रिपोर्ट ऐसे समय में प्रकाशित हुई है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके प्रशासन पर नागरिक अधिकारों को खत्म करने और मीडिया पर हमला करने के आरोप लग रहे हैं। वहीं, रिपोर्ट में भारत में मीडिया संस्थानों पर अंकुश लगाए जाने और उन्हें परेशान करने की बात कही गई है।

रिपोर्ट में मानवाधिकार हनन के मामले को लेकर कई अन्य देशों की भी आलोचना की गई है, मगर इस रिपोर्ट को अमेरिका के ही मीडिया संस्थानों के संवाददाताओं ने चुनौती दी है।

लोकतंत्र, मानवाधिकार और श्रम ब्यूरो के राजदूत जी. कोजाक की प्रेसवार्ता के दौरान संवाददाताओं ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अमेरिकी मीडिया की आलोचना को लेकर पर सवाल किया और मानहानि संबंधी कानून में संशोधन की मांग की।

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