आपदा प्रबंधन कार्यों में शामिल महिला व युवा मंगल दलों को मिलेगी मजबूती
35 हज़ार बच्चों को आपदा से निपटने की दी गई सामान्य ट्रेनिंग
उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन पर बेहतर काम करने और महिला व युवा मंगल दलों को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की वेबसाइट की शुरूआत की है।
शुक्रवार को सचिवालय में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,” सभी जिलाधिकारियों को हर वर्ष के अंत तक आपदा से निपटने के लिए पांच -पांच करोड़ रूपए की धनराशि दे दी जाए। इसके साथ ही स्थानीय लोगों को आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाए।” अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि जिलों में आपदा प्रबंधन पर काम कर रहे महिला व युवा मंगल दलों को बचाव की ट्रेनिंग दी गई हैं, उन्हें समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की वेबसाइट और उसके लोगो का विमोचन किया। इसके अलावा उन्होंने प्राधिकरण की मोबाईल एप्लीकेशन की शुरूआत की।
इस मौके पर पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2013 की आपदा से संबधित बड़ी घटनाओं के बाद राज्य में एसडीआरएफ का गठन किया गया। वर्तमान में 50 थानों में एसडीआरएफ तैनात है। एसडीआरएफ की चार कंपनियां बनाई गई है। इसके साथ ही राज्य में 35 हजार बच्चों को आपदा से निपटने की सामान्य ट्रेनिंग तथा 8,500 बच्चों को एक माह का प्रशिक्षण दिया गया है। अभी तक एसडीआरएफ 341 छोटी-बड़ी आपदाओं में 4,858 लोगों का रेस्क्यू किया है।
मुख्यमंत्री ने आपदा आने के अति संवेदनशील स्थलों पर विशेष सुरक्षा बरतने के निर्देश दिए हैं और भूकम्प की दृष्टि से अति संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर के वहां बचाव के लिए प्रभावी उपाय तलाशने की बात कही है। बैठक में वित्त मंत्री प्रकांश पंत, प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव भूपेन्द्र कौर औलख, आईजी जी.एस मार्तोलिया, निदेशक भारत मौसम विज्ञान विभाग, देहरादून बिक्रम सिंह, अपर सचिव आपदा प्रबन्धन सविन बंसल, अपर सचिव डाॅ. मेहरबान सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।