भारत का कपड़ा आयात मार्च में 24 फीसदी बढ़ा, उद्योग ने जताई चिंता
नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)| बीते वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च में देश में कपड़े का आयात पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24 फीसदी बढ़ा, जबकि पूरे वित्त वर्ष में 17 फीसदी सालाना दर से वृद्धि दर्ज की गई।
फेडेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (सीआईटीआई) के चेयरमैन संजय जैन ने शुक्रवार को कपड़ों के आयात में बढ़ोतरी पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद से भारत में आयात सस्ता हो गया है, जिसका फायदा बांग्लादेश और चीन जैसे कपड़ों के प्रमुख उत्पादकों को मिल रहा है।
डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ कमर्शियल इंटेलीजेंस एंड स्टैटिस्टिक्स (डीजीसीआई एंड एस) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2018 में टेक्सटाइल यार्न, फैब्रिक मेड-अप्स के आयात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 24 फीसदी का इजाफा हुआ है। बीते महीने टेक्सटाइल यार्न, फैब्रिक मेड-अप्स के कुल आयात का मूल्य 937 करोड़ रुपये रहा जबकि मार्च 2017 में कुल आयात का मूल्य 757 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2016-17 में भारत ने 10,079 करोड़ रुपये मूल्य का टेक्सटाइल यार्न, फैब्रिक मेड-अप्स आयात किया था जो 17 फीसदी बढ़कर 2017-18 में 11,838 करोड़ रुपये हो गया है।
संजय जैन ने कहा, यह दुखद स्थिति है कि बांग्लादेश, वियतनाम और चीन हमसे कॉटन खरीदता है और कपड़ा बनाकर हमें बेचता है। इससे कपड़ा उद्योग की हालत खस्ता होती जा रही है। उत्पादन लगातार घटता जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद कपड़ों के आयात में तकरीबन 10-15 फीसदी औसतन मासिक वृद्धि हुई है।
जैन ने कहा, कपड़ा उद्योग सीधे तौर पर किसानों से जुड़ा हुआ है। हम जो कच्चा माल उपयोग करते हैं उसका उत्पादन किसान करते हैं। इसलिए सरकार को घरेलू उद्योग की सेहत सुधारने के लिए आयात पर रोक लगानी चाहिए।
उन्होंने कहा, जीएसटी लागू होने पर आयात शुल्क घट गया है जिससे कपड़ों का आयात सस्ता हो गया है। वहीं, निर्यात पर मिलने वाला प्रोत्साहन भी कम हो गया। यही कारण है कि निर्यात में वृद्धि नहीं हो रही है।
जैन ने कहा, हम सरकार से आग्रह करते हैं कि कपड़ा उद्योग को बदहाली से निकालने के लिए समुचित उपाय किए जाएं।