मप्र : यशोधरा मिथक तोड़ने तात्या टोपे की समाधि पर पहुंचीं
शिवपुरी, 19 अप्रैल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में महान स्वतंत्रता संग्रामी तात्या टोपे का समाधि स्थल है। मिथक है कि जो भी उनकी जयंती या स्मृति दिवस पर उनकी समाधि स्थल पर पहुंचा है, उसे राजनीतिक तौर पर नुकसान उठाना पड़ा है।
इसके बावजूद राज्य की खेलमंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बुधवार को तात्या टोपे स्मृति दिवस कार्यक्रम में पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित कर इस मिथक को तोड़ने की कोशिश की है। स्थानीय समाजसेवी यशवंत जैन ने गुरुवार को कहा, वैसे, यह बात सही है कि जो नेता तात्याटोपे की समाधि स्थल पर आता है, उसके बाद उनके राजनीतिक जीवन में कुछ उतार-चढ़ाव आते हैं। पूर्व में कुछ नेताओं के साथ ऐसा हुआ भी है। फिर भी बुधवार को यशोधरा राजे सिंधिया का यहां पर पहुंचाना इस मिथक को कितना तोड़ पाएगा, यह समय बताएगा।
खेलमंत्री यशोधरा राजे ने पुराने मिथक को तोड़कर सन् 1857 की क्रांति में शहीद हुए तात्या टोपे को उनकी समाधि स्थल पर पहुंचकर श्रद्धसुमन अर्पित किए। वे यहां आयोजित तीन दिवसीय बलिदान मेला का उद्घाटन करने पहुंची थीं।
कहा जाता है कि तत्कालीन राज्यपाल रामनरेश यादव वर्ष 2013 में तात्या टोपे के समाधि स्थल पर आए और इसके कुछ दिनों बाद ही वह व्यापम घोटाले में फंस गए, इसी मामले से जुड़े उनके बेटे की मौत भी हो गई। उन्हें और भी बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इसी तरह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट के साथ भी हुआ। जब वह केंद्र में मंत्री थे और यहां समाधि स्थल पर आए, तो इसके बाद उनकी कुर्सी चली गई। इतना ही नहीं, वर्ष 1977 में जब प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरेंद्र सखलेचा यहां पर आए तो सात दिन बाद ही उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटना पड़ा था।
इस तरह के मिथक अन्य स्थानों को लेकर भी जुड़े हुए हैं। कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश का जो मुख्यमंत्री नोएडा जाता है, वह ज्यादा दिन नहीं रह पाता। पिछले दिनों योगी आदित्यनाथ को हालांकि नोएडा जाना पड़ा था। दिल्ली जाने वाली एक मेट्रो लाइन का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने नोएडा में किया था, इस कारण वहां योगी की मौजूदगी जरूरी हो गई थी।