टूरिज़्म, अॉटोमोबाइल और फूड प्रोसेसिंग कंपनियों के खुलेंगे बेहतर व्यापार के रास्ते
थाईलैंड में 'फोकस ऑन उत्तराखण्ड' पर बोलें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
थाईलैंड में अपने दौरे पर गए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भारत और थाईलैंड के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की बात कही है। इसके साथ ही थाईलैंड की बड़ी कंपनियों को उत्तराखंड के खाद्य प्रसंस्करण, आॅटोमोबाइल मशीनरी और पर्यटन क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया है।
भारत सरकार के सहयोग से थाईलैण्ड एवं उत्तराखंड सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किए गए ‘इंडिया योर डेस्टिनी, योर न्यू डेस्टिनेशन’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, ” थाईलैंड भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, वर्ष 2016 में थाई प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग और व्यापार संवर्धन को मजबूत करने पर सहमत हुए थे। थाईलैंड भारत का एक मूल्यवान दोस्त जैसा है।”
उत्तराखंड पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अपनी उद्यमशीलता की भावना, नवीन दृष्टिकोण और एक स्थिर, सुलभ सरकार की मदद से उत्तराखंड विकास की ओर बढ़ रहा है। उत्तराखंड में औद्योगिक वातावरण, निवेशकों के लिए अनुकूल नीतियां, अच्छा मानव संसाधन, उचित श्रम कानून, पूरे वर्ष अच्छे मौसम और सामाजिक बुनियादी ढांचा निवेश के लिए मौजूद है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का थाईलैण्ड में स्वागत करते हुए थाईलैंड की वाणिज्य उपमंत्री चतीमा बनीपराफासरा ने कहा ”थाईलैंड-उत्तराखण्ड की आर्थिक संभावनाओं को स्वीकार करता है, विशेषकर कृषि क्षेत्र, खाद्य प्रसंस्करण व पर्यटन क्षेत्र में। उन्होंने कहा कि थाई निवेशकों के लिए तेज़ी से आर्थिक विकास करता हुआ उत्तराखंड विशेष आकर्षण का केन्द्र है।”
‘इंडिया योर डेस्टिनी, योर न्यू डेस्टिनेशन’ कार्यक्रम में उत्तराखंड रीज्य की औद्योगिक नीति, स्टार्ट-अप पाॅलिसी और अन्य क्षेत्रों में लागू की गई नीतियों पर चर्चा की गई। इसके साथ साथ सीएम त्रिवेंद्र ने बताया कि राज्य में शुरू हुई इन पहलों की मदद से उत्तराखण्ड के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में वर्ष 2005 से वर्ष 2016 के बीच 16.03 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धिदर अच्छी हुई है ।
इंडिया योर डेस्टिनी, योर न्यू डेस्टिनेशन कार्यक्रम में थाईलैंड और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते में 82 उत्पादों को रखा गया है। थाईलैंड की प्रमुख कम्पनियों ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों (कृषि, खाद्य प्रसस्करण , खनिज व आॅटोमोबाइल मशीनरी) में निवेश की बात कही है।