बैंक धोखाधड़ी में बड़ोदरा की कंपनी के 3 निदेशक गिरफ्तार
नई दिल्ली/अहमदाबाद, 18 अप्रैल (आईएएनएस)| केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंकों के समूह को 2,654.40 करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में चल रही जांच के सिलसिले में बड़ोदरा की एक कंपनी के तीन निदेशकों को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सीबीआई के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि एजेंसी ने डायमंड पॉवर इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीआईपीएल) के प्रमोटर व निदेशक सुरेश नारायण भटनागर और उनके दो पुत्र अमित सुरेश भटनागर और सुमित सुरेश भटनागर को गिरफ्तार किया है।
गुजरात पुलिस की मदद से सीबीआई को आरोपियों के बारे में मंगलवार शाम राजस्थान के उदयपुर में उनके होने का पता चला और बुधवार सुबह उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
अधिकारी ने बताया उनको अहमदाबाद में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया जाएगा।
सीबीआई ने 26 मार्च को डीपीआईएल और उसके निदेशकों के खिलाफ 11 बैंकों के समूह को 2,654.40 करोड़ रुपये की चपत लगाने का मामला दर्ज किया था। आरोपियों द्वारा बैंकों से लिए गए कर्ज को 2016-16 में डूबे हुए कर्ज (एनपीए) के रूप में घोषित कर दिया गया।
सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, डीपीआईएल केबल और बिजली के अन्य सामान बनाती है। कंपनी ने फर्जीवाड़ा करके 2008 में क्रेडिट की सुविधा ले ली और 29 जून, 2016 तक कंपनी पर कुल बकाया राशि 2,654.40 करोड़ रुपये हो गई।
एजेंसी ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा चूककर्ता की सूची में शामिल होने के बावजूद कंपनी ने बैंकों से सावधि ऋण और क्रेडिट की सुविधा ले ली। यही नहीं, बैंकों के समूह द्वारा साख सीमा की प्रारंभिक मंजूरी के समय एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा कंपनी को सतर्कता की सूची में रखा गया था।
कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया (670.51 करोड़ रुपये), आईसीआईसीआई बैंक (348.99 करोड़ रुपये), भारतीय स्टेट बैंक (266.37 करोड़ रुपये), एक्सिस बैंक (255.32 करोड़ रुपये), इलाहाबाद बैंक (227.96 करोड़ रुपये), देना बैंक (177.19 करोड़ रुपये), कॉरपोरेशन बैंक (109.12करोड़ रुपये), एक्सिम बैंक ऑफ इंडिया (81.92 करोड़ रुपये), आईओबी (71.59 करोड़ रुपये), आईएफसीआई बैंक (58.53 करोड़ रुपये) शामिल हैं।