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राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड तोड़ने की जानकारी नहीं थी : अनीश

नई दिल्ली, 17 अप्रैल (आईएएनएस)| आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में इस महीने आयोजित 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले सबसे युवा निशानेबाज अनीश भानवाल का कहना है कि उन्हें इन खेलों का रिकॉर्ड तोड़ने की जानकारी नहीं थी।

आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में अनीश ने अपनी स्वर्ण पदक की जीत से जुड़ी कई चीजों को साझा किया।

अनीश ने 4 से 15 अप्रैल तक आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों के 21वें संस्करण में पुरुषों की 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा के फाइनल में स्वर्ण पदक जीता। इस स्पर्धा में सोना जीतने के साथ ही उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों का नया रिकॉर्ड भी बनाया।

भारत के सबसे युवा निशानेबाज अनीश ने फाइनल में कुल 30 अंक हासिल किए थे। उन्होंने 2014 में ग्लास्गो में आयोजित 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में आस्ट्रेलिया के डेविड चापमान का रिकॉर्ड तोड़ा। उन्होंने 23 अंक हासिल किए थे।

फाइनल में राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड तोड़ने की जानकारी अनीश को नहीं थी। इस बारे में उन्होंने कहा, फाइनल मैं मुझे यह पता था कि मैंने स्वर्ण पदक जीता है, लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि मैंने इस स्पर्धा में राष्ट्रमंडल खेलों का रिकॉर्ड तोड़ा है। इस बात को जानकर मुझे और भी खुशी हुई थी।

अनीश ने फाइनल में पहुंचने के बाद दिमाग में चल रही हलचल के बारे में कहा, मुझे आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के अनुभवी निशानेबाजों के साथ स्पर्धा करते हुए किसी प्रकार का डर महसूस नहीं हुआ। मैं ऐसा पहले भी कर चुका हूं। इसलिए, मुझे काफी आत्मविश्वास था। मुझे यह पता था कि अगर मैं स्वर्ण जीता, तो इसे जीतने वाला सबसे युवा निशानेबाज बन जाऊंगा।

मैक्सिको में आयोजित हुए आईएसएसएफ विश्व कप और सिडनी में आईएसएसएफ जूनियर विश्व कप में भी अनीश ने ख्याती हासिल की।

राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक की खुशी को जाहिर करते हुए अनीश ने कहा, मुझे सच में बहुत खुशी हुई। जिस लक्ष्य को लेकर मैंने राष्ट्रमंडल खेलों में कदम रखा था, उसे पूरा कर लिया।

राष्ट्रमंडल खेलों के बाद अनीश का लक्ष्य एशियाई खेलों और विश्व चैम्पियशिप है। इसमें भी वह स्वर्ण पदक की उम्मीद के साथ हिस्सा लेंगे।

अनीश अब 10वीं की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं। सीबीएसई ने अनीश के लिये अलग से परीक्षा की व्यवस्था की है। इसमें उन्हें हिन्दी, सामाजिक विज्ञान और गणित की परीक्षा देनी है।

इस परीक्षा के बारे में 15 वर्षीय निशानेबाज ने कहा, तीन दिन की बात है। इनके खत्म होने के बाद मैं अपनी निशानेबाजी में फिर से ध्यान केंद्रित कर पाऊंगा।

उन्होंने कहा, मुझे खुशी है कि सीबीएसई ने मुझ पर जो भरोसा दिखाया उस पर मैं खरा उतरा। यह अच्छा लग रहा है कि उन्होंने मेरे लिए बहुत बड़ा फैसला किया।

अनीश के पिता जगपाल भानवाल ने इससे पहले आईएएनएस के साथ एक साक्षात्कार में कहा था कि हरियाणा में शूटिंग रेंज बनें, तो और भी तमगे आएंगे। उन्होंने कहा था कि हरियाणा में निशानेबाजी के लिए अधिक सुविधाएं नहीं हैं। अगर यहां एक शूटिंग रेंज हो जाती तो देश के लिए अनीश के साथ यहां कई और निशानेबाज हैं, जो पदक जीत सकते हैं।

अपने पिता की बात पर सहमति जताते हुए अनीश ने कहा, यह बात बिल्कुल सही है। हरियाणा में तीन से पांच मीटर का भी कोई शूटिंग रेंज नहीं है। ऐसे में हरियाणा के सभी निशानेबाज दिल्ली में अभ्यास करते हैं। अगर ऐसा होता है, तो हमें भी और हमारे माता-पिता को भी इतनी भाग-दौड़ नहीं करनी पड़ेगी।

अनीश की बहन मुस्कान भी निशानेबाज हैं। उन्होंने आईएसएसएफ विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था। अपनी बहन के साथ अधिक से अधिक पदक की लड़ाई करना अनीश को अच्छा लगता है। हालांकि, अनीश का कहना है कि उनके बीच यह लड़ाई अच्छी है, क्योंकि इससे दोनों देश को और पदक जीत कर लाएंगे।

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