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रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने का समर्थन करने पर BJP ने महिला नेता को निकाला

असम भाजपा ने म्यांमार से निकाले जा रहे रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हमदर्दी जताने पर प्रदेश के कार्यकारी सदस्य बेनजीर अरफान को सस्‍पेंड कर दिया है।

बेनजीर अरफान 2012 में भाजपा से जुड़ी थीं। अरफान ने बताया कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने गुरुवार को उन्हें पार्टी से निकालते हुए व्हाट्सएप पर निलंबन पत्र भेजा था।

उन्होंने बताया कि मुझे अपमानित किया गया है और मैं इस मुद्दे को पार्टी हाईकमान तक ले जाऊंगी।बेनजीर अरफान ने मीडिया से बताया कि जो सस्पेंशन लेटर मिला उसमें लिखा है कि रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में किसी दूसरी संस्था के कार्यक्रम में आपने अपनी मर्जी से हिस्सा लेकर पार्टी के नियमों को तोड़ा है। इस कारण आपको तत्काल पार्टी से बर्खास्त किया जाता है।

अरफान के निलंबन पत्र में लिखा है, “एक भाजपा सदस्य के तौर पर आपने अपनी पार्टी से चर्चा किए बगैर म्यांमार संबंधित समस्या के सिलसिले में अन्य संगठन की ओर से आयोजित कार्यक्रम के लिए सोशल मीडिया पर समर्थन मांगा क्योंकि आपका कार्य पार्टी के नियमों और विचारधारा के खिलाफ है। इसलिए आपको सभी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाता है और आपको पार्टी से निलंबित किया
जाता है।”

अरफान ने म्यांमार के रखाइन प्रांत में जातीय हिंसा से विस्थापित शरणार्थियों के समर्थन में आयोजित बैठक में हिस्‍सा लिया था। इनमें से कुछ शरणार्थियों ने भारत में प्रवेश किया है। भारत से रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस भेजने के सरकार के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है।

बेनजीर अरफान ने बताया,”मैंने फेसबुक पर लोगों को जोड़ने के लिए एक संदेश पोस्ट किया है। अनजाने में मैंने पोस्ट में बैठक के स्थान पर ‘विरोध प्रदर्शन’ का इस्तेमाल कर दिया है।”

म्‍यांमार में यह कार्यक्रम गुवाहटी के गैर सरकारी संगठन, संयुक्त अल्पसंख्यक पीपुल्स फ़ोरम की ओर से आयोजित किया गया था। बेनजीर अरफान की पोस्ट केंद्र सरकार की ओर से भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों की प्रवेश को रोकने के फैसले के खिलाफ थी।

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