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नौकरी का वीजा चाहिए तो इस मंदिर में आकर करें परिक्रमा, पूरी होगी मुराद

युवा लोग विदेशों में नौकरी पाने के लिए क्‍या–क्‍या नहीं करते हैं। हर तीसरा युवा अपना कॅरियर बनाने के लिए विदेश जाना चाहता है। जैसा कि सभी जानते है कि विदेश जाने के लिए आपके पास पासपोर्ट और वीजा होना जरूरी है।

अधिकतर युवाओं का सपना वीजा ना मिलने के कारण कभी पूरा नहीं हो पाता। अगर आप भी वीजा पाना चाहते हैं तो इस 500 वर्ष पुराने मंदिर में आकर दर्शन पूजन करने आपको वीजा मिल सकता है।

आंध्रप्रदेश के हैदराबाद से करीब 40 किलोमीटर दूर ओसमान सागर लेक के तट पर बसा चिल्कुर बालाजी का ये मंदिर वीजा दिलाने के लिए प्रसिद्ध है।

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इस मंदिर को वीजा वाले बाला जी के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस मं‌दिर की स्‍थापना 500 वर्ष पहले की गई थी। इस मंदिर में देखने के लिए हस्तकला और कारीगरी देखने वाली है।

मान्यता है कि यहां भगवान वेंकटेश बालाजी के भक्त रहते थे रोज पैदल चलकर कोसों दूर तिरुमल बालाजी के मंदिर आते थे। एक बार उनकी तबीयत खराब हो गई। तबीयत इतनी खराब थी कि वह अपने भगवान से मिलने मंदिर तक यात्रा नहीं कर सकते थे।

ऐसे में भगवान बालाजी ने सपने में आकर कहा कि तुमको मेरे दर्शन के लिए इतनी दूर आने की जरूरत नहीं है। मैं यही तुम्हारे पास वाले जंगल में रहता हूं। सुबह भक्त भगवान की बताई जगह पर जाते हैं, जहां उन्‍हें उभरी हुई भूमि दिखाई पड़ती है।

भक्त की ओर से उस जमीन की खुदाई की जाती है जिससे वहां से रक्त निकलने लगता है। तभी आकाशवाणी होती है कि इस धरती को दूध से नहलाकर वहां मूर्ति की स्थापना कराई जाए।

बताया जाता है कि जब भक्त वहां दुग्धाभिषेक कर रहा होता है तो वहां श्रीदेवी और भूदेवी की मूर्तियां भी अवतरित होती है।

प्राचीन काल से ही लोगों का इस मंदिर में आकर अच्छी जॉब के लिए प्रार्थना किए जाने का क्रम आज भी जारी हैं। ऐसी मान्यता है कि बालाजी की 11 परिक्रमा करके मांगी गई मन्नत कभी खाली नही जाती। जब उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो भक्त यहां आकर 108 बार परिक्रमा करते हैं।

यहां लोग हवाई जहाज चढ़ाकर मन्नत मांगते है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि हवाई जहाज चढ़ाने से विदेश जाने के लिए वीजा जल्दी मिल जाता है।

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