उत्तर प्रदेश

सिपाही ने इंसानियत को किया शर्मसार, 15 साल की बच्ची से किया चौकी में दुष्कर्म

लखनऊ। यूपी के बलिया में यूपी पुलिस के सिपाही ने खाकी को दागदार कर दिया। रक्षक से भक्षक बने इस पुलिस वाले ने पुलिस चौकी में ही एक नाबालिग बच्ची से रेप किया। जब बच्ची के पिता को इस बात की जानकारी हुई तो उसकी सदमे से मौत हो गई। लोगों के गुस्से को देखते पुलिस ने आरोपी सिपाही को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

जिले के रेवती थानाक्षेत्र के गोपालनगर पुलिस चौकी पर धरम सिंह नामक सिपाही एक साल से तैनात है। ग्रामीणों ने शुक्रवार रात चौकी की छत से किसी बच्ची के रोने की आवाज़ें सुनी। इसके बाद बड़ी संख्या में इकठ्ठा हुए ग्रामीण सीधे चौकी में घुसते हुए छत पर पहुंच गए।

वहां का नजारा देखकर ग्रामीणों के होश उड़ गए। आरोपी सिपाही गांव की एक 15 वर्षीय किशोरी को बहला-फुसलाकर लाने के बाद आपत्तिजनक हरकत कर रहा था।

गांव के लोगों ने इसके बाद सिपाही व किशोरी को छत से नीचे उतारा। सिपाही की जमकर पिटाई की। इस घटना की जानकारी होने पर किशोरी के 60 वर्षीय पिता ने सदमे से दम तोड़ दिया। इस दौरान मौक़ा पाकर आरोपी सिपाही वहां से फरार हो गया।

हालांकि ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। किशोरी के चाचा की तहरीर पर रेवती पुलिस ने सिपाही के खिलाफ कई धाराओं के अलावा पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। एसपी सुजाता सिंह ने सिपाही को तत्काल सस्पेंड भी कर दिया।

पास्को एक्ट और सजा
पॉक्सो शब्द अंग्रेजी से आता है। इसका पूर्णकालिक मतलब होता है प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012 यानी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012. इस एक्ट के तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है।

वर्ष 2012 में बनाए गए इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है. जिसका कड़ाई से पालन किया जाना भी सुनिश्चित किया गया है।

 

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