Main Slideजीवनशैली

बहुत ही खूबसूरत होती हैं यह स्त्रियां

नक्षत्र के माध्यम से जाने लोगों का स्वभाव, स्वभाव जानने के तीसरे भाग में छह नक्षत्रों के बारे में जानें। इन नक्षत्रों में जन्मे जातकों का व्यवहार, सोच, कार्य कैसा होता है। यह लोग परिवार, समाज और देश की उन्नति में किस तरह अपना योगदान दे सकते हैं।

पूर्वा फाल्गुनी : पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्में जातक स्वाभाविक रूप से अपने दुश्मनों का नाश करने वाले होते हैं। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मी स्त्रियां आकर्षक, उच्च शिक्षित, राजकीय कार्यों में सफल होने वाली और सरकारी नौकरी में उच्च पद तक पहुंचती है। इन्हें यात्राओं का बड़ा शौक होता है। जहां, जैसे भी मिले घूमने-फिरने का प्लान बना ही लेते हैं। इनका भाग्योदय 28 से 32 की आयु में होता है।

उत्तरा फाल्गुनी : इस नक्षत्र में जन्मे लोग धनवान होते हैं। अनेक साधनों से पैसा इक_ा करने में निपुण होते हैं। ये भोग विलास के भी शौकीन होते हैं। दिखावा भी खूब करते हैं। परदे के पीछे चल रही घटनाओं को जान लेने की अद्भुत क्षमता इनमें होती है। हालांकि इनका अपने जीवनसाथी से अक्सर बड़ा टकराव होता रहता है। इनका भाग्योदय 30 से 32 वर्ष की आयु में होता है।

हस्त : हस्त नक्षत्र में जन्मे लोगों में नेतृत्व क्षमता का सहज गुण होता है। ये अपने परिवार, समाज, मित्रों, यहां तक कि अपने राज्य और देश का नेतृत्व करने में भी सक्षम होते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे अनेक जातक झूठे, धोखेबाज, क्रोधी, शराबी और चरित्रहीन भी देखे गए हैं। ऐसे लोगों की कुंडली में चंद्र और मंगल उच्च का हो तो व्यक्ति सेना या पुलिस में बड़ा पद हासिल करता है। अपनी मेहनत और इच्छा शक्ति के बल पर बड़ा व्यापारी भी बन सकता है।

चित्रा : इस नक्षत्र के जातक बुद्धिमान, साहसी, धनवान, दानी, सुशील, सुंदर शरीर वाले, स्त्री संतान सुख युक्त होते हैं। ये अच्छे लेखक भी होते हैं और अपने लेखन के माध्यम से जगत में प्रसिद्धि पाते हैं। धर्म में आस्था रखने वाले होते हैं। ये योग्य चिकित्सक, आयुर्वेद के ज्ञाता या भवन निर्माण में रुचि रखने वाले वास्तुविद भी हो सकते हैं। ये व्यक्ति सौंदर्य प्रेमी होते हैं। साफ-सुथरे और सज संवरकर रहना इन्हें पसंद होता है। इनका भाग्योदय 33 से 38 की आयु में होता है।

स्वाति : कुशल व्यापारी, योग्य व्यापारी इसी नक्षत्र में जन्म लेने वाले बनते हैं। स्वाति नक्षत्र के जातकों का स्वभाव शांत, शीतल और मधुर होता है। ये किसी से बेवजह नहीं उलझते और यदि कोई इन्हें परेशान करने या बिना बात के तकलीफ देने का प्रयास करता है तो ये उससे निपटने में माहिर होते हैं। आर्थिक दृष्टि से संपन्न होते हैं। हालांकि शिक्षा के मामले में ये पिछड़े रहते हैं। इनका भाग्योदय 30 से 36 की आयु में होता है।

विशाखा : विशाखा नक्षत्र में जन्मी स्त्रियां अत्यंत भाग्यशाली होती है। ये जिस काम में हाथ डालती है उसमें सफलता मिलती है। इस नक्षत्र में जन्मे पुरुष अपने कर्म और पुरुषार्थ से जीवन में नित नई उंचाइयां छूते हैं। और यदि गलत रास्ता पकड़ लिया तो फिर से उसी क्षेत्र में कुख्यात भी बन सकते हैं। ये कंजूस, लोभी, बोलने में चतुर, अहंकारी, काम वासना में डूबे रहने वाले, शराबी होते हैं। पाप-पुण्य से इन्हें कोई मतलब नहीं होता। शुभ कर्म करने वाले इस नक्षत्र के जातकों का भाग्योदय 21, 28 और 34वें वर्ष में होता है।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close
Close